आज मुख्य सचिव ने सचिवालय में आयोजित बैठक में राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्राथमिकता से राजस्व भूमि चिन्हित करने और भूमि मुहैया ना होने पर वन भूमि को चिन्हित करने के निर्देश दिए । बैठक में कार्यदाई संस्थाओं ने आगामी 5 साल के लिए 81.99 हेक्टेयर भूमि की जरूरत की जानकारी दी। मुख्य सचिव ने एजेंसियों को निर्धारित डंपिंग जोन में ही मलबे की निस्तारण के नियमों को शक्ति से पालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने नियमों की अवहेलना करने वाली एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए। पीडब्लूडी, बीआरओ, एनएचआईडीसीएल के अधीन कई राष्ट्रीय राजमार्गों में निर्माण के दौरान निकले मलबे के निस्तारण को पूर्व में तय डंपिंग स्थलों की क्षमता के विस्तार की संभावनाओं के अध्ययन के निर्देश दिए गए थे । उन्होंने भर चुके डंपिंग स्थलों को कंप्रेस करने की संभावनाओं पर कार्य करने के निर्देश दिए थे। डंपिंग जोन की जरूरत के संबंध में लोक निर्माण विभाग पीडब्लूडी, बीआरओ, एनएचआईडीसीएल को अपनी रिपोर्ट के संबंध में जिलाधिकारी के साथ संबंध में और संयुक्त निर्देशन के निर्देश दिए थे ।
मुख्य सचिव ने एजेंसियों को डंपिंग के संबंध में 5 वर्षों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए चिह्नित भूमि के प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। बैठक में कार्यदायी संस्थाओं ने राज्य में अगले 5 वर्षों की जरूरत की दृष्टिगत 81.99 हेक्टेयर भूमि की मांग रखी। जिसमें वर्तमान में 55.69 और अगले 5 वर्षों में 26.30 हेक्टेयर भूमि शामिल है।
डंपिंग स्थल को ग्रीन पैच के तौर पर विकसित करेंगे
मुख्य सचिव ने डीएम को डंपिंग स्थलों पर मलबे की जमा होने के बाद उसके उपयोग को लेकर कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने ऐसी डंपिंग स्थानों का ग्रीन पैच विकसित करते हुए बास के पौधे रोकने के निर्देश दिए । मुख्य सचिव के निर्देशों के अनुसार ऐसे स्थलों पर तेजी से विकसित होने वाले वृक्षों का रोपण किया जाएगा जो भविष्य में क्रश बैरियर के रूप में उपयोगी होंगे। बैठक में लोनीवी सचिव पंकज कुमार के अलावा पीडब्लूडी, बीआरओ, एनएचआईडीसीएल व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के अलावा डीएम रुद्रप्रयाग चमोली उत्तरकाशी पिथौरागढ़ रहे।