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लॉ कॉलेज देहरादून में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर सेमीनार का आयोजन

 

देहरादून 10 दिसम्बर। उत्तरांचल विश्वविद्यालय के लॉ कॉलेज देहरादून में आज अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एक सेमीनार का आयोजन किया गया। सेमीनार का विषय ‘हमारे अधिकार, हमारा भविष्य, अभी’ था प्रदेश सरकार में कबीना मंत्री श्री प्रेमचन्द अग्रवाल इस अवसर पर मुख्य अतिथि जबकि उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग के पूर्व अध्यक्ष न्यायमूर्ति राजेश टण्डन व एस0 पी0 ट्रैफिक श्री मुकेश ठाकुर बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।
कार्यक्रम का आयोजन उत्तराखण्ड मानवाधिकार संरक्षण केन्द्र एवं लॉ कॉलेज देहरादून में भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा स्थापित प्रो बोनो क्लब के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। अधिकांश वक्ताओं का वक्तव्य मानवाधिकारों की युक्तियुक्तता, वर्तमान स्थिति ओर भविष्य पर केन्द्रित रहा। कार्यक्रम में विधि के छात्रों सहित 300 से अधिक प्रतिभागियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की।
उत्तराखण्ड मानवाधिकार संरक्षण केन्द्र के राष्ट्रीय सचिव कुंवर राज अस्थाना द्वारा अपने स्वागत भाषण में केन्द्र के उददे्श्यों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर केन्द्र द्वारा मानवाधिकार के संरक्षण में अहम योगदान करने वाले महानुभावों को सम्मानित किया गया।

 

अपने सम्बोधन में कबीना मंत्री श्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि मानव अधिकार संरक्षण के बिना समाज में अन्याय व अराजकता फेल जाती है। उन्होंने बंग्लादेश का उदाहरण देते हुए कहा कि वहाँ हो रहे मानवाधिकार के हनन के विरोध में पूरी दुनिया को एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने छात्रों को नशा मुक्त उत्तराखण्ड बनाने का संकल्प दिलाया और राष्ट्र के प्रति समर्पित भाव से कार्य करने की सलाह दी।

न्यायमूर्ति राजेश टण्डन ने कहा कि भारत के संविधान में निहित प्रीएम्बल व अनुच्छेद 38 व 39 अ वास्तव में मानव अधिकारों का विस्तृत रूप है। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के निर्णित मामलों का उदाहरण देते हुए कहा कि अधिकांश मामलों में कोर्ट द्वारा रोटी, कपड़ा और मकान को न्यूनतम मानव अधिकार माना है। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि डिजिटलाइजेशन के इस युग में मानव अधिकारों का संरक्षण एक चुनौती बन गया है।

पुलिस अधीक्षक मुकेश ठाकुर ने कहा कि मानवाधिकार संरक्षण में जहाँ एक ओर पुलिस की अहम भूमिका है वहीं दूसरी ओर जनता का सहयोग भी कम महत्वपूर्ण नही है। जनता द्वारा ट्रैफिक नियमों का पालन एवं उनके प्रति संवेदनशीलता ही सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगा सकती है।

विश्वविद्यालय की उपाध्यक्ष सुश्री अंकिता जोशी ने कहा कि मानवाधिकार हमारे नैसर्गिक अधिकार हैं और इनके प्रति संजीदगी न केवल सरकारों की जिम्मेदारी है अपितु विश्व का प्रत्येक संस्थान और यहाँ तक कि हर सक्षम व्यक्ति इनके संरक्षण में अहम भूमिका निभा सकता है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 धर्मबुद्धि ने मनुष्य के बुनियादी अधिकारों की संरक्षा व गारंटी को सतत् विकास का आधार बताया। उन्होंने आम व्यक्ति की सुरक्षा एवं समुचित विकास को मानव अधिकारों का पहला चरण बताया। उन्होंने मानव अधिकारों की संरक्षा हेतु वृहद स्तर पर आंदोलन की आवश्यकता बताई।

इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रतिकुलपति प्रो0 राजेश बहुगुणा, कॉलेज की प्राचार्य प्रो0 पूनम रावत, डा0 अभिरंजन दीक्षित, डा0 प्रेम कश्यप, नवीन अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थी।

प्रो0 राजेश बहुगुणा
उपकुलपति
उत्तरांचल विश्वविद्यालय

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