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Monday, April 28, 2025
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उपलब्धि। ‘यूपीईएस’ और यूनाइटेड किंगडम के प्रतिष्ठित विधि संस्थान ‘द यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ’ के बीच हुआ MOU

इस MOU के तहत यूपीईएस में एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (COE) की स्थापना की जाएगी

देश के प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में पहचान रखने वाला पेट्रोलियम और ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय  (UPES) और यूनाइटेड किंगडम के प्रतिष्ठित विधि संस्थान द यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के बीच शिक्षा और शोध में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए  MOU  हुआ है … इस साझेदारी के तहत यूपीईएस में एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (COE) की स्थापना की जाएगी। यह पहल शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम हैइस सहयोग का मुख्य आधार शोध होगा, जिसमें खास ध्यान कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और नैतिकता (Ethics) पर रहेगा। यह सेंटर कंटिन्यूइंग प्रोफेशनल डेवलपमेंट (CPD) कोर्सेज, सैटेलाइट सेंटर्स और स्टार्टअप इनक्यूबेटर की सुविधा भी देगा, जिससे छात्रों और शिक्षकों में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम्स से शिक्षण और ज्ञान का आदान-प्रदान भी होगा।

छात्रों के लिए इंटरनेशनल मोबिलिटी प्रोग्राम्स भी शुरू किए जाएंगे, जिनमें एक मजबूत पाठ्यक्रम होगा जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर का अकादमिक अनुभव मिल सकेगा। दोनों संस्थानों के विशेषज्ञ फैकल्टी इस कार्यक्रम को संयुक्त रूप से संचालित करेंगे,और इसमें मूल्यांकन और प्रमाणन की एक स्पष्ट प्रक्रिया भी शामिल होगी।MOU पर बात करते हुए, यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के डिप्टी वाइस चांसलर, प्रोफेसर पीटर क्रिस्प ने कहा, की “हमें यूपीईएस के साथ साझेदारी करके खुशी हो रही है। इससे यूएलॉ की 148 साल पुरानी विधिक श्रेष्ठता की परंपरा भारत में भी विस्तारित होगी। हमारा उद्देश्य तकनीकी रूप से उन्नत दुनिया में सफल होने वाले प्रोफेशनल्स को तैयार करना है, खासकर एआई जैसे नए क्षेत्रों में नवाचार लाना।यूपीईएस स्कूल ऑफ लॉ के डीन और हेड, इंटरनेशनलिटी, डॉ. अभिषेक सिन्हा ने कहा, “यूएलॉ जैसे वैश्विक संस्थानों के साथ सहयोग हमारे यूनिवर्सिटी ऑफ टुमॉरो के विजन का हिस्सा है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस छात्रों को आने वाले समय की चुनौतियों के लिए तैयार करेगा, खासतौर पर एआई की नैतिक चुनौतियों से निपटने के लिए। यह सहयोग शिक्षा और वास्तविक दुनिया के बीच की दूरी को कम करेगा।”

 

यूएलॉ का प्रैक्टिस-आधारित दृष्टिकोण और यूपीईएस की नवोन्मेषी सोच मिलकर छात्रों के लिए एक ऐसा मंच तैयार करेगी जहाँ वे बाजार की मांग के अनुसार अपने कौशल विकसित कर सकें। यह रणनीतिक साझेदारी भविष्य की जरूरतों को समझते हुए शिक्षा और शोध में नए आयाम स्थापित करेगी।

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