मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बरेली स्थित इन्वर्टिस विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने पर भगवान एवं अभिनंदन समारोह का आयोजन करना था।
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर कहा कि यूसीसी की ऐतिहासिक पहल को साकार करने में उत्तराखंड की देवतुल्य जनता का अहम योगदान है। उन्होंने बताया कि समान नागरिक संहिता का लक्ष्य राज्य के सभी नागरिकों के लिए एक समान और न्यायसंगत कानूनी व्यवस्था सुनिश्चित करना है। इसके लागू होने से महिलाओं को उनके अधिकारों में भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा और यह कानून लाखों महिलाओं के अधिकारों का सशक्त सुरक्षा कवच साबित होगा, जो वर्षों से समानता की प्रतीक्षा कर रही थीं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि समान नागरिक संहिता किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है। इसका उद्देश्य समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर सभी नागरिकों के बीच समानता और समरसता स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी धर्म की मूल मान्यताओं और प्रथाओं को बदला नहीं गया है, केवल कुप्रथाओं को दूर किया गया है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन को लेकर कुछ भ्रांतियाँ फैलाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य बहन-बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और इन संबंधों से जन्म लेने वाले बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तराखंड से निकलने वाली यूसीसी की गंगा देश में एक नई चेतना जागृत करेगी और अन्य राज्यों को भी इस दिशा में प्रेरित करेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश अनेक क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उनके शासन में कई जनहितकारी निर्णय लिए गए हैं, जैसे कि कश्मीर से धारा 370 का अंत, तीन तलाक जैसी कुप्रथा का समाप्ति, और अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण। इसी क्रम में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है।
कार्यक्रम में सांसद श्री क्षत्रपाल गंगवार, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. अरूण कुमार, दर्जा मंत्री उत्तराखंड श्री विनय रूहेला, महापौर बरेली डॉ. उमेश गौतम, विधायक डॉ. राघवेन्द्र शर्मा सहित कई अन्य सम्मानित गेस्ट भी उपस्थित थे।