शिव के परम रूप हैं भगवान भैरव नाथ
*सूर्यकांत धस्माना*
*देहरादून*: उत्तराखंड की देवभूमि में आज एक खास धार्मिक अवसर पर यमुना कालोनी स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर में भव्य रूप से भगवान भैरव नाथ और श्री नरसिंह देवता की मूर्तियां विधि-विधान से स्थापित की गईं। इस महापर्व के दौरान त्रिदिवसीय अनुष्ठान और यज्ञ का आयोजन भी किया गया, जिससे पूरे क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो गया।
कार्यक्रम के आयोजक और मुख्य यजमान श्री नीरज पांडे के नेतृत्व में इस ऐतिहासिक आयोजन का शुभारंभ हुआ, जहां यज्ञ के साथ पूर्ण आहुति अर्पित की गई। यज्ञ संपन्न होने के बाद, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री सूर्यकांत धस्माना, पिटकुल के प्रबंध निदेशक श्री पी. सी. ध्यानी, बाला जी मंदिर के महंत हठयोगी और चंडी मंदिर हरिद्वार के महंत रोहित गिरी ने पंडित विनोद पंत के साथ पूजा अर्चना कर श्री भैरव नाथ और श्री नरसिंह भगवान की मूर्तियां स्थापित कीं।
इस अवसर पर श्री सूर्यकांत धस्माना ने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए कहा कि भैरव नाथ और नरसिंह भगवान उत्तराखंड के इष्ट देवता हैं, और इनकी पूजा यहां की संस्कृति का अहम हिस्सा रही है। उन्होंने बताया कि भगवान भैरव नाथ, शिव के परम रूप और नरसिंह भगवान विष्णु के रूप में पूजे जाते हैं। विशेष रूप से, नरसिंह भगवान को उत्तराखंड में नौ रूपों में पूजा जाता है, और यह सभी रूप गुरु गोरखनाथ के चेलों द्वारा सम्मानित माने जाते हैं।
श्री धस्माना ने यह भी कहा कि उत्तराखंड की देवभूमि का विशेष स्थान विश्वभर में इसके लोगों की गहरी श्रद्धा और लोक संस्कृति के कारण है। यहाँ देवी-देवताओं के प्रति आस्था और सम्मान सदियों से जारी है।
इस पवित्र अवसर पर क्षेत्र की पार्षद श्रीमति सुमित्रा ध्यानी और उनकी सहयोगी महिलाओं ने भजन-कीर्तन से वातावरण को भक्ति से ओत-प्रोत कर दिया। साथ ही, श्री गुरप्रीत वालिया, श्री राजेश भारद्वाज, श्री अनुज दत्त शर्मा, श्री आशुतोष द्विवेदी, श्री मनोज शर्मा, श्री आशीष ध्यानी सहित क्षेत्रवासी और श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। मूर्ति स्थापना के बाद विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें भक्तों ने प्रसाद ग्रहण कर इस धार्मिक आयोजन की महिमा को और भी बढ़ाया।
*सादर*
सूर्यकांत धस्माना
वरिष्ठ उपाध्यक्ष,
प्रदेश कांग्रेस कमेटी उत्तराखंड