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Thursday, June 19, 2025
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उत्तराखंड में मोटे अनाजों (मिलेट्स) के साथ ही शहद उत्पादन एवं होमस्टे के क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह को अनुसंधान के माध्यम से सहयोग करें विश्वविद्यालय- राज्यपाल

राजभवन में आयोजित ‘एक विश्वविद्यालय एक शोध’ कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने किया प्रतिभाग

समय की मांग के अनुसार विश्वविद्यालय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मेटा तथा क्वांटम जैसे नवीन तकनीकों को अपनाकर शोध एवं अनुसंधान कार्यों को दें बढ़ावा- राज्यपाल

राज्यपाल ने उच्च शिक्षण संस्थानों को एक साथ बेहतर समन्वय और आपसी सहयोग से संसाधनों और नवाचारों को साझा करने पर दिया जोर

उत्तराखंड में स्ववित्तपोषित निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ आज राज्यपा कुलाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने राजभवन में बैठक में प्रतिभाग किया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के कुलपतियों से अपेक्षा की कि वह उत्तराखंड के मोटे अनाजों मिलेट्स के क्षेत्र में यहां पर उत्पादित शहर के क्षेत्र में, होमस्टे के क्षेत्र में और स्वयं सहायता समूह को सहयोग के साथ-साथ पलायन को रोकने हेतु शोध एवं अनुसंधान के माध्यम से सहयोग करें। इस अवसर पर सभी स्ववित्तपोषित विश्वविद्यालयो के प्रतिनिधियों द्वारा मुख्यता प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए किए गए प्रयासों, विश्वविद्यालय की विशेषज्ञों के आधार पर प्रदेश के राजकीय विभागों को सहयोग, विश्वविद्यालय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संबंधित किया जा रहे नवाचारों, विश्वविद्यालय अनुदान समिति के मानदंडों के अनुसार विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहे शोध एवं प्रशासन की स्थिति एवं राजभवन के एक विश्वविद्यालय एवं शोध कार्यक्रम के अंतर्गत की गई प्रगति के विषय पर प्रस्तुतिकरण दिया गया।

बैठक में राज्यपाल ने कहा कि इस संवाद का मुख्य उद्देश्य राज्य की उच्च शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सशक्त, समावेशी और तकनीक एवं तकनीकी रूप से समकालीन बनाना है। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय की भूमिका केवल शिक्षण प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है बल्कि विश्वविद्यालय समाज व राष्ट्रीय निर्माण का सशक्त माध्यम भी है और उन्हें उम्मीद है कि उत्तराखंड के सभी स्ववित्तपोषित विश्वविद्यालय राज्य की युवा ऊर्जा को सही दिशा देने में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश के स्ववित्तपोषित विश्वविद्यालय निस्संदेह ही गुणात्मक शिक्षा के साथ-साथ शिक्षा को रोजगार परक बनाकर इस क्षेत्र में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं।

इस अवसर पर राज्यपाल ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि सभी विश्वविद्यालय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्व देने के साथ ही बच्चों को इस और प्रेषित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मेटा तथा क्वांटम जैसे नवीन तकनीकों को अपनाकर उसमें शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा देना समय की मांग है।

राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने भी एआई स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए इंडिया एआई मिशन शुरू किया है और हमारे विश्वविद्यालयो को भी इस क्षेत्र में बढ़-चढ़कर प्रतिभाग करना चाहिए। राज्यपाल ने इन क्षेत्रों में अनुसंधान कोर्स डेवलपमेंट और इंडस्ट्री एकेडमिक पार्टनरशिप को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।

बैठक में राज्यपाल ने उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ बेहतर समन्वय और आपसी सहयोग पर जोर देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय को एक दूसरे के संसाधनों विशेषज्ञता और नवाचार क्षमताओं को साझा करने की आवश्यकता है, जिससे उत्तराखंड को न केवल शैक्षिक दृष्टि से अग्रणी बने बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में योगदान कर सके। उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय मिलकर रिसर्च कंसलटेंट, कंसोर्टियम या साझा नवाचार केंद्र की स्थापना करें, ताकि राज्य में तकनीकी स्टार्टअप और नवाचार की संस्कृति को मजबूती मिल सके और इस सुझाव का स्वागत करते हुए सभी स्ववित्तपोषित विश्वविद्यालयो द्वारा इस पहल हेतु अपना पूर्ण समर्थन देने हेतु सहमति व्यक्त की गई।

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