देहरादून : वनाग्नि मामले में देर से जागी सरकार ने प्रदेश में अब तक की सबसे भीषण वनाग्नी प्रकरण में सरकार द्वारा कुछ वन अधिकारियों को निलंबित कर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर ली जबकि राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने सबसे ज्यादा गैर जिम्मेदारी का काम किया उस के किसी जिम्मेदार अधिकारी पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई यह सवाल आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैंप कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में उठाया। श्री धस्माना ने कहा की राज्य में फरवरी के महीने में ही मौसम विभाग ने भीषण गर्मी पड़ने की भविष्यवाणी कर दी थी और राज्य के अनेक हिस्सों में मार्च के महीने में ही जंगलों में आग की घटनाएं घटनी शुरू हो गई थी किंतु वन विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग गहरी नींद में सोया रहा वन विभाग के फील्ड कर्मचारियों को आग बुझाने के उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए जिसके लिए पर्याप्त पैसा एस डी आर एफ फंड में उपलब्ध था किंतु आग बुझाने के लिए फील्ड में आग से लड़ने वाले कर्मचारियों को कोई आधुनिक उपकरण उपलब्ध नहीं करवाए गए जिसके परिणामस्वरूप अल्मोड़ा के बिनसर में वन्यजीव अभयारण्य में लगी भीषण आग में चार अमूल्य मानव जीवन आग की बली चढ़ गए । श्री धस्माना ने कहा कि चार महीनों में हजारों हैक्टेयर जंगल जल कर खाक हो गए लेकिन सरकार जब नींद से जागी तो उसने केवल वन विभाग के कुछ कर्मचारियों को निलंबित कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया जबकि इस राज्य में आपदा प्रबंधन मंत्रालय है जिसका एक मात्र काम आपदाओं से निपटना है और जिस काम में यह विभाग पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ है। श्री धस्माना ने कहा कि सरकार को तत्काल आपदा प्रबंधन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
सादर
सूर्यकांत धस्माना
वरिष्ठ उपाध्यक्ष
प्रदेश कांग्रेस कमेटी
उत्तराखंड