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उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) में दो दिवसीय नवाचार महोत्सव का हुआ शुभारंभ

उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) में नवाचार महोत्सव का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर दिनाँक 27 फरवरी 2025 को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया गया और विशेषज्ञ व्याख्यान आयोजित किए गए। इस अवसर पर आईआईटी रूड़की से गणित और साइंटिफिक कंप्यूटिंग विभाग की संयुक्त संकाय की प्रमुख, डॉ मिल्ली पंत मुख्य वक्ता रही। कार्यक्रम के दूसरे वक्ता थे, डॉ संकल्प जैन, मनोचिकित्सक और एसोसिएट प्रोफेसर, सर गंगाराम हॉस्पिटल, नयी दिल्ली ।
डॉ दुर्गेश पन्त ने सभी का स्वागत करते हुए इस नवाचार महोत्सव के महत्व, और आयोजित व्याख्यानों के महत्व पर अपने विचार साझा किए। डॉ. डी.पी. उनियाल, संयुक्त निदेशक यूकॉस्ट ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम के महत्त्व पर चर्चा की। उन्होंने गणित के महत्व और भारतीय पारंपरिक ज्ञान प्रणाली और विभिन्न क्षेत्रों मे गणित की भूमिका पर अपने विचार साझा किए।
डॉ. मिल्ली पंत, आईआईटी रूड़की ने “गणित का इतिहास और वर्तमान रुझान” विषय पर संवादात्मक सत्र के माध्यम से प्रस्तुति दी। पहले भाग में उन्होंने भारत की समृद्ध गणितीय विरासत से सबको अवगत कराया, जिसमें वैदिक ग्रंथ और गणित, सुलभ सूत्र और ज्यामिति, पिंगला के चंद्र शास्त्र, आर्यभट्ट के योगदान और ब्रह्मगुप्त के बीजगणित के सिद्धांत जैसे विषय शामिल थे। दूसरे भाग में उन्होंने गणित के साथ जीवन, कैरियर के अवसर और चुनौतियो पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों मे गणित की उपयोगिता और भविष्य की सम्भावनाओं से सबको अवगत कराया।
उन्होंने कौशल विकास के महत्व पर भी बात की और कहा कि गणित के क्षेत्र में छात्रों की रुचि बढ़ाने के लिए वैदिक गणित में कौशल विकास पाठ्यक्रम और शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल किये जाने चाहिए । उन्होंने स्टॉक मार्केट, ट्रेडिंग, गणित स्टार्टअप, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डेटा साइंस में गणित का समावेश और विभिन्न उद्योगों में प्रयुक्त होने वाले गणितीय उपकरणों की जानकारी भी दी। उन्होंने प्राचीन भारत के विभिन्न गणितज्ञ और उनके कार्यों से सबको अवगत कराया।

इसके बाद डॉ संकल्प जैन ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने समुद्र मंथन और मानसिक स्वास्थ्य के समकक्ष बताया। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारणों पर बात की। उन्होेंने कहा स्वयं के प्रति जागरूकता ही एक निवारण है । उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के उपचार, प्रभावित करने वाले कारण, संतुलित भोजन, अनुशासित जीवन शैली का महत्व आदि विभिन्न विषयों पर बात की। उन्होंने कहा मानसिक स्वास्थ्य के लिए आचार, विचार, आहार औऱ व्यवहार आपस में एक दूसरे से जुड़े हुए है। जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ अचेतन रहन-सहन और खान-पान के कारण होती हैं । आपको अपने शरीर का सम्मान करना चाहिए । कृतज्ञता आपके जीवन का हिस्सा होना चाहिए । सत्र के दौरान बच्चों ने अपनी समस्याएं डॉ जैन से साझा की उन्होंने सभी के सम्भावित कारण और निवारण बताये।
कार्यक्रम का संचालन जागृति उनियाल, वैज्ञानिक अधिकारी ने किया। इस अवसर पर ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय, देवभूमि विश्वविद्यालय, जूनियर हाई स्कूल, धूलकोट, गवर्नमेंट कॉलेज खाराखेत,
देहरादून सहित विभिन्न स्कूल और कॉलेज के 300 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का समापन वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. पीयूष जोशी के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, उन्होंने वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजक टीम को उनके प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया । इस अवसर पर परिषद् के अधिकारी और कर्मचारी सम्मिलित हुए।
नवाचार महोत्सव के अवसर पर एक कला प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसका मुख्य विषय था विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार । इस अवसर पर नवाचार संबंधित विचारों पर एक पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर छात्र- छात्राओं के लिए प्रेरक नवाचार विषय के अंतर्गत एक व्याख्यान का भी आयोजन किया गया।
नवाचार महोत्सव के उपलक्ष्य में आंचलिक विज्ञान केन्द्र के प्रांगण में एक नवाचार प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न संस्थानों ने अपने कार्य और प्रोडक्ट प्रदर्शित किए। इस महोत्सव में विभिन्न स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों, शिक्षकों, संस्थानों के प्रतिनिधि, वैज्ञानिक आदि ने प्रतिभाग किया।

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