उत्तराखंड में गंभीरता से शुरू हो सुरक्षित उत्तराखंड अभियान
एसडीसी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने मुख्यमंत्री के नाम जारी किया वीडियो संदेश
देहरादून
ऋषिकेश में बीती रात हुए एक सड़क हादसे में यूकेडी के कद्दावर नेता त्रिवेन्द्र पंवार सहित दो लोगों की मृत्यु हो जाने के बाद देहरादून स्थित एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नाम एक वीडियो संदेश जारी किया है। अपने संदेश में उन्होंने राज्य में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाने की जरूरत पर जोर दिया है।
अपने वीडियो संदेश में अनूप नौटियाल ने त्रिवेन्द्र पंवार की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए हाल के दिनों में उत्तराखंड में हुई सड़क दुर्घटनाओं पर गहरी चिन्ता जताई है। उन्होंने कहा कि एक और सड़क दुर्घटना के बाद कुछ लोगों को सस्पेंड किया जाएगा, मुख्यमंत्री की तरफ से कुछ निर्देश जारी होंगे, कुछ बैठकें होंगी और जांच के आदेश दिये जाएंगे। उनके अनुसार इस तरह के निर्देशों और जांचों से कोई लाभ नहीं होने वाला है।
अनूप नौटियाल ने लगातार हो रहे हादसों को रोकने के लिए सुरक्षित उत्तराखंड अभियान चलाने की बात कही है। उन्होंने इस अभियान के तहत फोर ईज पर काम करने की बात राखी है। ये चार ई हैं; इंफोर्समेंट, एजुकेशन, इंजीनियरिंग और इमरजेंसी केयर। उन्होंने देश में रोड एक्सीडेंट को लेकर सबसे महत्वपूर्ण सुझावों और नियमों का अध्ययन करके उन्हें कार्यान्वित करने का सुझाव दिया है।
अनूप नौटियाल ने कहा कि सड़क सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण और लोगों के जीवन से जुड़े मुद्दे पर निरंतर काम करने का न तो मुख्यमंत्री के पास समय है, न ही राज्य के किसी अन्य मंत्री के पास और न ही किसी बड़े अधिकारी के पास। ऐसे में मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे अपने किसी विश्वासपात्र व्यक्ति को दो वर्षों तक सड़क सुरक्षा पर काम करने की जिम्मेदारी सौंपे। उस व्यक्ति से कहें कि वह अपना 80 प्रतिशत समय सड़क सुरक्षा पर काम करने में लगाएं। वह व्यक्ति इन दो सालों में देश के तमाम बेहतर सड़क सुरक्षा से संबंधित मॉडल्स का अध्ययन करे और इसके बाद उत्तराखंड के लिए सरकार की समस्त एजेंसीज के साथ मिलकर कारगर सड़क सुरक्षा मॉडल तैयार कर उसे कार्यान्वित किया जाए।
उन्होंने कहा कि यदि सुरक्षित उत्तराखंड अभियान को सिर्फ एक नारा न बनाकर ईमानदारी से इस पर काम किया जाए तो राज्य में आये दिन सड़क हादसों में जान गंवाने वाले लोगों को जिन्दगी को बचाया जा सकता है। अगर प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीरता से प्रयास नहीं होते तो मातम का सिलसिला थमने वाला नहीं है।
सादर
अनूप नौटियाल
देहरादून, उत्तराखंड