उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी है । यहां तेज बारिश के कारण कई ऊंचाई वाले इलाकों में बड़े-बड़े पत्थर गिरने से सड़के बाधित हो रही है। इन पत्थरों के मलबे के चलते नेशनल हाईवे समेत कुल 61 सड़के बंद कर दी गई है। कुमाऊं मंडल में भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। चीन सीमा को जोड़ने वाला तावा घाट धारचूला बॉर्डर मार्ग भूस्खलन के कारण बंद हो गया है। टनकपुर पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे पर बड़े-बड़े पत्थर गिर रहे हैं कुमाऊं मंडल में मलवा आने से कुल 61 सड़के बंद हो गई है। खासकर पहाड़ी इलाकों में गुरुवार सुबह से तेज बरसात हो रही है जगह-जगह भूस्खलन और भू धसाओं से 61 सड़के बंद हो गई हैं। इनमें प्रमुख रूप से प्रमुख रूप से चीन सीमा को जोड़ने वाला तावाघाट धारचूला सीमा मार्ग, टनकपुर पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल है । इसके साथ ही केदारनाथ की यात्रा के दौरान भूस्खलन का साया मंडराया रहा है। ऐसे में अब भक्त जनों के लिए सरकार ने योजना बनाई है कि सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच भूस्खलन और डेंजर जोन पर यात्रियों को हेलमेट पहनकर रास्ता पार कराया जाएगा। गढ़वाल कमिश्नर और सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पांडे ने कहा कि सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच भूस्खलन और डेंजर जोन पर यात्रियों को हेलमेट पहनकर रास्ता पार कराया जाएगा। यह बात उन्होंने निरीक्षण के बाद सेरशी में आयोजित बैठक में कहीं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढ़वाल कमिश्नर और सचिव के मुख्यमंत्री बने शंकर पांडे और आपदा सचिव विनोद सुमन ने बुधवार को केदार घाटी का निरीक्षण किया, इस दौरान उन्होंने सोनप्रयाग भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का भी दौरा किया। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को और भी बेहतर किया जाएगा। डेंजर जोन को लेकर यात्रियों को पहले से सचेत और सतर्क कर करें ।