दून डिफेंस एकेडमी के निदेशक ने प्रश्न पत्रों का विश्लेषण कर कहा, इजी तो मॉडरेट था
देहरादून। यूपीएससी द्वारा आज आयोजित एनडीए व सीडीएस की लिखित परीक्षा में देशभर के लाखों युवाओं ने इंडियन आर्म्ड फोर्स ज्वाइन करने का सपना लेकर प्रतिभाग किया। दून डिफेंस एकेडमी के निदेशक व रक्षा क्षेत्र के जानकार संदीप गुप्ता ने एग्जाम में आये प्रश्न पत्रों का विश्लेषण करते हुए बताया कि एनडीए व सीडीएस का एग्जाम हमेशा की तरह उच्च स्तर का था। कुछ बदलाव भी देखने को मिले।
संदीप गुप्ता ने बताया कि एनडीए के गणित विषय की बात करें तो पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार इजी तो मॉडरेट कह सकते हैं। सवालों का पैटर्न डीडीए द्वारा आयोजित मॉक टेस्ट जैसा ही था। गत वर्षों की बात करें तो कुछ नया नहीं था, बस सवालों को घुमा कर पूछा गया था। जीएटी में इंग्लिश पार्ट की बात करें तो इसे भी इजी टू मॉडरेट कह सकते हैं। स्पॉटिंग एरर नहीं था तो ये प्रतिभागियों के लिए प्लस पॉइंट रहा होगा वोकाब के पार्ट में थोड़ा ज्यादा देखने को मिला। जबकि पैसेज थोड़ा एनेलिटिकल था। जीएटी के विज्ञान में सीधे फार्मूला बेस्ड प्रश्न पूछे गए थे। 80% प्रश्न डीडीए के पाठ्यक्रम से देखने को मिले। जीएस का पार्ट भी मॉडरेट ही था, घुमा कर पूछे गए प्रश्नों ने प्रतिभागियों को जरूर परेशान किया होगा, लेकिन 60 से 65 % प्रश्न आसानी से हल किये जा सकते थे।
वहीं उन्होंने सीडीएस के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण करते हुए कहा कि इंग्लिश का पैटर्न उम्मीद के अनुसार पूरी तरह बदला हुआ नजर आया। शब्द कोष पर ज्यादा फोकस देखने को मिला। इसे इजी तो मॉडरेट कह सकते हैं। जीएस के प्रश्न पत्र को भी उन्होंने इजी तो मॉडरेट बताते हुए कहा कि करंट अफेयर ज्योग्रफिक्स का पार्ट इजी था, लेकिन पैटर्न में थोड़ा बदलाव देखने को मिला। वहीं इक्नॉमिक्स को थोड़ा गहराई से जानने की जरुरत महसूस की गई।
सीडीएस के गणित के प्रश्न पत्र को मॉडरेट कह कह सकते हैं। औसत स्तर का प्रतिभागी भी 50% तक हल कर सकता है।
वहीं उन्होंने कहा कि रिटर्न एग्जाम पास करने वाले डीडीए डायमंड्स को एक-एक हजार रुपए नगद व फ़ाइनल सलेक्शन पर 10-10 हजार रुपए नगद आशीर्वाद के रूप में दिए जाते हैं।