वित्त वर्ष 2022-23 में औसतन 5433 एमयू का अब तक का उच्चतम उत्पादन रू० 2.25 के औसत टैरिफ पर किया गया।
ऽ मशीन की औसत उपलब्धता 85 प्रतिशत से अधिक एवं ब्रेकडाउन 2 प्रतिशत से भी कम ।
उत्पादन क्षमता में वृद्धिः 148.5 मे०वा० क्षमता की परियोजनायें जोड़ी
गयी –
▶️ व्यासी जल विद्युत परियोजना, 120 मे०वा०, देहरादून ।
▶️ सुरिनगाड, 5 मे०वा०, पिथौरागढ ।
▶️ कालीगंगा-1, 4 मे०वा० एवं कालीगंगा-प्प् 4.5 मे०वा०, रुद्रप्रयाग ।
▶️ मध्यमहेश्वर जल विद्युत परियोजना, 15 मे०वा०, रुद्रप्रयाग ।
लखवाड एम०पी०पी०, 300 मे०वा०, देहरादूनः निर्माण कार्य प्रगति पर है।
ऽ किशाऊ एम०पी०पी०, 660 मे०वा०, देहरादूनः विद्युत घटक के मूल्य को घटाकर 62.7 प्रतिशत से 13.3 प्रतिशत किया गया। डी०पी०आर० का अद्यतनीकरण किया जा रहा है।
त्यूनी-प्लासू, 72 मे०वा०, देहरादून- पी०आई०बी० द्वारा अप्रैल, 2023 में रू० 888.13 करोड़ लागत की डी०पी०आर० का अनुमोदन किया गया। विस्तृत डिजाइन इंजीनियरिंग का कार्य प्रगति पर है। सिविल कार्यों के निर्माण हेतु निविदा जारी कर दी गयी है।
ऽ सिरकारी भ्योल-रूपसियाबागड, 120 मे०वा० पी०आई०बी० के समक्ष जुलाई, 2024 में रू० 941.94 करोड़ लागत की डी०पी०आर० का प्रस्तुतिकरण किया गया जिसका अनुमोदन सितम्बर 2024 तक अपेक्षित है। विस्तृत डिजाइन इंजीनियरिंग कार्य और निविदा से संबंधित कार्य प्रगति पर है।
ऽ पुरानी परियोजनाओं (35 वर्ष का उपयोगी जीवन पूरा कर लिया है) के नवीनीकरण, आधुनिकीकरण और उच्चीकरण (आर०एम०यू०) के कार्य-
जीवन काल में वृद्धि एवं विद्युत उत्पादकता में 15 प्रतिशत की वृद्धिः तिलोथ जल विद्युत परियोजना, 90 मे०वा०, उत्तरकाशी एवं ढालीपुर जल विद्युत परियोजना, 51 मे०वा०, देहरादून के आर०एम०यू० कार्य पूर्ण ।
ऽ सतत लाभ प्राप्ति एवं उत्तराखण्ड सरकार को लाभांश का भुगतान- वित्तीय वर्ष 2021-22 में रू० 20 करोड एवं वित्तीय वर्ष 2022-23 में 20 करोड़ का लाभांश प्रदान किया गया।
एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (आई० टी० ऑटोमेशन) कागज मुक्त एवं संपर्क रहित कार्य किया जा रहा है।
संयुक्त उपक्रम के माध्यम से 1320 मे०वा० क्षमता के पिट हैड थर्मल पावर प्लांट को स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।
ऽ वर्ष 2023 में आयोजित ग्लोबल इनवेस्टर समिट के दौरान विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में विभिन्न विकासकर्ताओं के साथ रू० 1,00,000 करोड़ के निवेश हेतु समझौता पत्र हस्ताक्षरित किये गये, जिसमें से रू० 23,550 करोड़ की ग्राउंडिंग की जा चुकी है।
ऽ विद्युत उत्पादन बढाने के प्रयासः-
जल विद्युत परियोजनाओं के टैरिफ को कम करने के लिए, सी०पी०एस०यू० को छूट सम्बन्धी प्रावधान कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया ।
▶️ निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिये निजी विकासकर्ताओं को आवंटित परियोजनाओं के संबंध में हाइड्रो पावर नीति में संशोधन को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गयी।
टीएचडीसी के साथ संयुक्त उपक्रम बनाया गया एवं 05 जल विद्युत परियोजनाएं उक्त संयुक्त उपक्रम को आवंटित की गयी।
राजकीय विभागों/संस्थानों की अनुपयोगी/खाली पड़ी भूमि पर 150 मे०वा० की सौर ऊर्जा परियोजनाओं का कार्यान्वयन ।
एल०ए०डी०एफ पॉलिसी को उत्तराखण्ड सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया ।
जल विद्युत परियोजनाओं के लिए बजटीय सहायता/जल विद्युत परियोजनाओं के लिए व्यवहार्यता गैप फंडिंग (टळथ्)/सौर परियोजनाओं जैसे लाभ ।
झ कुल 224 मे०वा० की 14 लघु जल विद्युत परियोजनाओं के लिए निविदायें आमंत्रित की गयीं और कुल 121 मे०वा० की 06 लघु जल
विद्युत परियोजनाएं आवंटित की गयीं।
ऽ यूजेवीएन लि० ने स्वच्छ, हरित और सस्ती ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए नई तकनीकियों में भी कदम रखा है जैसेः
▶️ यूजेवीएन लि० की मौजूदा जल विद्युत परियोजनाओं के साथ 5 पंप स्टोरेज परियोजनाओं (पीएसपी) के निर्माण के लिये व्यवहार्यता का अध्ययन।
▶️ आई०आई०टी० रूडकी के साथ सहयोग से मौजूदा नहरों में हाइड्रो काइनेटिक टरबाइन (एचकेटी) के विकास/कार्यान्वयन के कार्य।
▶️ एक पायलट ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट (1) मे०वा०), हरिद्वार में स्थापित किया जायेगा।
► हमारे संयुक्त उद्यम (टीयूइसीओ) द्वारा वेस्ट टू ग्रीन कोल प्लांट का कार्यान्वयन किया जा रहा है।
►03 पावरहाउसों पर बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (ठम्ैै) की स्थापना का कार्य प्रगति पर है।
▶️ छोटी जल विद्युत परियोजनाओं के टेल रेस चौनल पर बिजली उत्पादन के लिये स्क्रू टरबाईन की स्थापना और बडी जल विद्युत परियोजनाओं पर अलग से ई-फ्लो आउटलैट की स्थापना ।