उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट), परिसर में स्थित आंचलिक विज्ञान केंद्र का 9वां स्थापना दिवस विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा नवाचार पर विचार मंथन करके मनाया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्य अतिथि श्री नितेश झा, आई.ए.एस, सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी, सुराज एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग ने आंचलिक विज्ञान केंद्र परिसर में एक पेड़ “मा के नाम” के अंतर्गत वृक्षारोपण किया। इसके बाद, उन्होंने देहरादून में बन रही देश की 5वीं साइंस सिटी के निर्माण स्थल का निरीक्षण किया और वहाँ चल रहे कार्यों का अवलोकन किया। उन्होंने यूकॉस्ट और आंचलिक विज्ञान केंद्र का दौरा किया और विभाग की गतिविधियों और योजनाओं की समीक्षा करी | आपने उद्धबोधन में उन्होंने कहा की विज्ञान धाम देहरादून मे बन रही देश की 5वीं साइंस सिटी प्रदेश के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया की जल्द ही प्रदेश के सभी 95 विकासखंडों में लैब्स ऑन व्हील के जरिए बच्चों को प्रयोगशाला की नवीनतम तकनीकों से रुबरु कराया जाएगा।
इस अवसर पर यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने अपने स्वागत उद्धबोधन में यूकॉस्ट व आंचलिक विज्ञान केंद्र की तमाम गतिविधियों की विस्तृत जानकरी दी ।
वित्त सेवा से आये वरिष्ठ अधिकारी डॉ. तंजीम अली ने कहा कि आज के दौर में शिक्षकों का बच्चों के व्यावहारिक प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका है। डॉ. अली ने बच्चों को भारत के भविष्य की नींव बताया।
इस अवसर पर आंचलिक विज्ञान केन्द्र के वार्षिक प्रतिवेदन, कैलेंडर और सिलक्यारा की किताब भी रिलीज की गई।
विमर्श सत्र के दोरान इस उपलक्ष मैं आये वरिष्ठ वैज्ञानिकों तथा विभिन्न संस्थानों से आए छात्र छात्राओं ने अपने विचार रखें।
कार्यक्रम का समापन संयुक्त निदेशक यूकॉस्ट डॉ. डी. पी. उनियाल के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी आयोजनकर्ता, अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डा. पीयूष जोशी, प्रभारी आंचलिक विज्ञान केन्द्र ने किया। इस अवसर पर सी आई एम एस, तुलाज इंस्टिट्यूट, बी एफ आई टी, देव भूमि यूनिवर्सिटी, उत्तराँचल यूनिवर्सिटी और अन्य शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों सहित परिषद के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।