देहरादून, 6 जुलाई।
उत्तराखंड की सुरम्य पहाड़ियों के बीच, जहां प्रकृति का वैभव बिखरा है, वहां 25,000 से अधिक एलोपैथिक डिप्लोमा फार्मासिस्ट अपने सुनहरे भविष्य की तलाश में दो दशकों से प्रतीक्षा कर रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत संचालित आरोग्य मंदिर और वेलनेस सेंटर्स में नियुक्ति की उनकी मांग अब स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के सकारात्मक और प्रेरक आश्वासनों के साथ नई दिशा पा रही है। उनके नेतृत्व में उठाए जा रहे कदम इन युवाओं के लिए आशा की किरण बनकर उभरे हैं।
फार्मासिस्टों का संघर्ष: एक लंबी यात्रा
बेरोजगार डिप्लोमा एलोपैथिक फार्मासिस्ट संघ के सदस्यों ने लंबे समय से अपने हक के लिए आवाज बुलंद की है। दो दशकों से अधिक समय तक चले आंदोलन, ज्ञापन और धरना-प्रदर्शनों के बावजूद ठोस परिणामों की कमी ने उनके धैर्य को चुनौती दी है। कई फार्मासिस्ट मजबूरी में छोटे-मोटे कार्यों में जुट गए, तो कई बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। उनकी यह व्यथा केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि उनके परिवारों की आर्थिक स्थिरता और सामाजिक सम्मान से भी जुड़ी है। फिर भी, इन युवाओं की स्वास्थ्य सेवाओं में योगदान देने की जिजीविषा अडिग है।
आईपीएचएस मानकों में सुधार की आवश्यकता
फार्मासिस्टों ने 2019 में लागू इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड्स (आईपीएचएस) के मानकों को उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप ढालने की मांग की है। पहाड़ी क्षेत्रों की दुर्गमता, बिखरी आबादी और संसाधनों की कमी के कारण मौजूदा मानक योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन में बाधक हैं। इसके साथ ही, उन्होंने सभी मेडिकल स्टोर्स पर फार्मासिस्टों की अनिवार्य नियुक्ति की वकालत की है, ताकि प्रतिबंधित दवाओं की अवैध बिक्री पर अंकुश लगे और आमजन को सुरक्षित औषधियां मिलें। ये मांगें न केवल फार्मासिस्टों के हित में हैं, बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक दूरगामी कदम हैं।
डॉ. धन सिंह रावत की प्रेरक पहल
स्वास्थ्य, चिकित्सा और चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने फार्मासिस्टों की इस पुकार को न केवल सुना, बल्कि उसे हल करने के लिए ठोस कदम उठाने का वचन दिया है। उन्होंने घोषणा की है कि फार्मासिस्टों के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाएगा और इसके लिए नियुक्ति प्रक्रिया त्वरित गति से शुरू की जा रही है। नए मेडिकल कॉलेजों में प्राथमिकता के आधार पर भर्तियां होंगी, और वेलनेस सेंटर्स में नियुक्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी। डॉ. रावत का यह दृष्टिकोण उनकी संवेदनशीलता और उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है। उनके नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग पहले भी कई सराहनीय कदम उठा चुका है, और यह आश्वासन उस गौरवशाली यात्रा में एक और मील का पत्थर है।
*आशा की नई राह*
डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार फार्मासिस्टों की मांगों को पूरा करने के लिए कृतसंकल्प है। उनकी प्रतिबद्धता कि रिक्त पदों को प्राथमिकता से भरा जाएगा और वेलनेस सेंटर्स में नियुक्ति के लिए समाधान तलाशा जाएगा, ने हजारों युवाओं के मन में विश्वास जगाया है। यह वह क्षण है जब इन आश्वासनों को शीघ्र कार्यरूप में बदलकर फार्मासिस्टों के लंबे इंतजार को समाप्त किया जाए, ताकि वे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में अपनी अमूल्य भूमिका निभा सकें।
उत्तराखंड के फार्मासिस्टों का संघर्ष केवल रोजगार की तलाश नहीं, बल्कि एक समावेशी और प्रभावी स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थापना का संकल्प है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के प्रेरक आश्वासनों और ठोस कदमों ने इस संकल्प को साकार करने की दिशा में एक नया सवेरा ला दिया है। उनकी यह पहल न केवल फार्मासिस्टों के भविष्य को उज्ज्वल करेगी, बल्कि उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। यह समय है कि फार्मासिस्टों की पुकार को अमल में लाकर उनके सपनों को पंख दिए जाएं, ताकि देवभूमि उत्तराखंड स्वास्थ्य और समृद्धि के प्रकाश से जगमगाए।
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