बुधवार को उत्तराखंड में लगातार हो रहे भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच एवं अन्य मांगों को लेकर सैकड़ों बेरोजगार संघ के युवाओं ने गांधी पार्क में जबरदस्त प्रदर्शन किया। लेखपाल जेई एई सहित लोक सेवा आयोग की तमाम भर्तियों में धंधली की सीबीआई से तत्काल जांच, नकल विरोधी कानून बनाने और लेखपाल भर्ती में शामिल नकलचियों की सूची सार्वजनिक करने एवं दोबारा परीक्षा कराने की मांग को लेकर बेरोजगार युवाओं ने गांधी पार्क में आंदोलन कर रहे थे। देर रात पुलिस ने उन्हें वहां से जबरन हटा दिया. इस दौरान बेरोजगारों को हटाने में पुलिस को काफी मशक्त करनी पड़ी. इतना ही नहीं पुलिस और बेरोजगारों के बीच जबरदस्त कहासुनी भी हुई, जिससे माहौल गर्मा गया। जबरन धरने से उठाने से बेरोजगार संघ के युवाओं में भारी आक्रोश है।
सुबह हजारों युवाओं ने गांधी पॉर्क के सामने रोड़ जाम किया, उम्र प्रदर्शन
आज सुबह उत्तराखंड सरकारी भर्ती में धंधलियों के विरोध में हजारों युवा सड़कों पर उतरा गए, जिससे देहरादून में जाम की स्थिति पैदा हो गई। पुलिस द्वारा देर रात जबरन हटाए जाने से युवाओं में भारी आक्रोश था। इस दौरान युवाओं ने गांधी पार्क के बाहर सड़क जाम कर दी है। घंटाघर से राजपुर और एस्लेहॉल से घंटाघर, दोनों तरफ का ट्रेफिक उन्होंने रोक दिया। इस कारण गांधी पार्क के बाहर भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई। राजपुर रोड पर जाम लगने के कारण पुलिस को टै्रफिक डायवर्ट करना पड़ा जिस वजह से शहर के सभी मुख्य मार्गो पर जाम की स्थिति पैदा हो गयी। जाम लगने से स्कूलों की छुट्टी के समय भी भारी परेशानी हुई। गांधी पार्क में बैठे बेरोजगार छात्रों को जबरन उठाए जाने के विरोध में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रभारी मंत्री से मिलने के लिए छात्रों का जुलूस कलेक्ट्रेट पहुंचा। लेकिन कलेक्ट्रेट गेट पर पुलिस और प्रशासन ने छात्रों को रोका। वही प्रभारी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि उन्हें छात्रों को जबरन उठाए जाने के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। युवा धरने से जबरन उठाए जाने से काफी नाराज थे। उन्होंने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की। युवाओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने युवतियों के साथ भी अभद्रता की। पुलिस ने बल का प्रयोग भी किया। जल्द ही पुलिस की इस कार्यवाई के वीडियो वायरल हो गए और युवाओं में फैल गए। इसी बात से नाराज युवाओं ने मोर्चा खोल दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ युवा लामबंद हो गए। युवाओं की मांग है कि पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई की जाए और पेपर लीक की सीबीआई जांच कराई जाए।