Google search engine
Homeराज्य समाचारउत्तराखंडश्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में लिवर फेलियर उपचार पर हुआ मंथन, विशेषज्ञों...

श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में लिवर फेलियर उपचार पर हुआ मंथन, विशेषज्ञों ने माॅर्डन लिवर उपचार से जुड़ी महत्वपूर्ण उपचार विधाओं पर सांझा की जानकारियां


देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग द्वारा अस्पताल में एक दिवसीय वर्कशाप का आयोजन किया गया। वर्कशप में एम्स ऋषिकेश के लिवर विशेषज्ञ डॉ. आनंद शर्मा ने लिवर फेलियर में प्लाज्मा एक्सचेंज की भूमिका पर व्याख्यान दिया। उन्होंने लिवर फेलियर उपचार से जुड़ी अत्याधुनिक उपचार तकनीकों पर महत्वपूर्णं जानकारियां सांझा की। इस अवसर पर 100 से अधिक डाॅक्टरों ने आॅफ लाइन एवम् आॅनलाइन वर्कशाप में प्रतिभाग किया।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के सभागार में वर्कशाॅप का शुभारंभ डाॅ आनंद शर्मा एवम् डाॅ अमित सोनी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ. अमित सोनी ने जानकारी दी कि माॅर्डन मेडिकल साइंस में लिवर फेलियर के उपचार से सम्बन्धित कई नई महत्वपूर्णं खोज एवम् जानकारियां सामने आई हैं। लिवर बीमारियों के उपचार में इन माॅर्डन तकनीकों का उपयोग बेहद लाभकारी है। एम्स ऋषिकेश के प्रख्यात लिवर विशेषज्ञ डॉ. आनंद शर्मा ने लिवर फेलियर में प्लाज्मा एक्सचेंज की भूमिका पर व्याख्यान दिया।
प्लाज्मा एक्सचेंज एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें रक्त कोशिकाओं से प्लाज्मा (रक्त का तरल भाग) को अलग करने के लिए एक मशीन का उपयोग किया जाता है। रक्त कोशिकाओं से प्लाज्मा को अलग करने के बाद, प्लाज्मा को बदलने के लिए रक्त कोशिकाओं को एक तरल के साथ मिलाया जाता है और शरीर में वापस भेज दिया जाता है। डॉ. आनंद शर्मा ने एम्स ऋषिकेश में प्लाज्मा एक्सचेंज के उपयोग और लिवर फेलियर के रोगियों के इलाज में इसकी मदद करने के बारे में अपना अनुभव साझा किया।
डॉ अमित सोनी ने कहा कि चूंकि उत्तराखंड में लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध नहीं है, इसलिए प्लाज्मा एक्सचेंज जैसा उपचार लिवर फेलियर के कुछ विशेष और चयनित मामलों में मदद कर सकता है। प्लाज्मा एक्सचेंज के लाभ अभी भी विकसित हो रहे हैं और विभिन्न परीक्षणों से अधिक जानकारी आ रही है जो इसके लाभों को समझने में मदद कर रही है। वार्ता में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, मेडिसिन और क्रिटिकल केयर विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर्स और पीजी छात्रों ने भाग लिया।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के प्रोफेसर डॉ संजय गुप्ता ने बताया कि लिवर फेलियर के अलावा नए उपचार विकल्पों की तत्काल आवश्यकता है, जो लिवर फेलियर के रोगियों की मदद कर सकते हैं। इस अवसर पर प्राचार्य प्रोफेसर डॉ अशोक नायक, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डॉ उत्कर्ष शर्मा और प्रोफेसर डॉ पंकज मिश्रा भी उपस्थित थे। प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. अशोक नायक ने डॉ. आनंद शर्मा को सम्मानित किया तथा भविष्य में भी इसी प्रकार की बातचीत और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए प्रोत्साहित किया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img
spot_img

STAY CONNECTED

123FansLike
234FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest News