देहरादून , 28 अगस्त ।
प्रदेश की सहकारी संस्थाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की पहल करते हुए राज्य सरकार ने कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं। इसी सिलसिले में अपर निबंधक श्री आनंद शुक्ल के प्रपोजल पर निबंधक सहकारी समितियां उत्तराखंड श्री आलोक कुमार पाण्डेय ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार, प्रदेश की सहकारी क्रय विक्रय समितियों, थोक केन्द्रीय उपभोक्ता भण्डारों एवं जिला सहकारी विकास संघों में सदस्यता शुल्क और अंशों के मूल्य को निर्धारित किया गया है। इन संस्थाओं को यह निर्देश दिया गया है कि वे इस आदेश के निर्गत होने से पन्द्रह दिनों के भीतर अपनी उपविधियों में उपरोक्त संशोधन का प्रस्ताव निबंधक कार्यालय को भेजें।
अपर निबन्धक श्री शुक्ल ने बताया कि, यदि पन्द्रह दिनों की अवधि के भीतर यह संस्थायें संशोधन का प्रस्ताव नहीं भेजती हैं, तो निबंधक द्वारा सहकारी समिति अधिनियम में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर उन संशोधनों को स्वयं लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कदम सहकारी संस्थाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और संरचनात्मक सुधार लाने के लिए उठाया गया है। इसका उद्देश्य सहकारी संस्थाओं को अधिक समावेशी और प्रगतिशील बनाना है।
अपर निबन्धक श्री आनंद शुक्ल ने बताया कि इस आदेश के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सहकारी समितियाँ राज्य की नीति और नियमों के अनुरूप काम करें। साथ ही, यह भी स्पष्ट है कि आवश्यक परिवर्तन न किए जाने पर निबंधक के पास शक्तियाँ हैं कि वे स्वतः ही संशोधन लागू करवा सकें।
यह आदेश राज्य सरकार की महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और सहकारी संस्थाओं में सुधार की दिशा में एक सशक्त कदम है। इससे न केवल संस्थाओं की कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित होगी। सहकारी क्रय विक्रय समितियों, थोक केन्द्रीय उपभोक्ता भण्डार और जिला सहकारी संघों में सदस्यों की आर्थिक भागीदारी को बढ़ाने और संस्थाओं की आर्थिक स्थिति को सुधारने के उद्देश्य से सदस्यता शुल्क और अंश का मूल्य बढ़ाना आवश्यक है। वर्तमान में इन संस्थाओं में अधिकांश सदस्य सिर्फ चुनाव के वक्त ही सक्रिय होते हैं और उनकी आर्थिक सहभागिता नगण्य होती है, जिससे संस्थाओं की कार्यप्रणाली और आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
क्रय विक्रय समितियों में सदस्यता शुल्क रू 250 (दो सौ पचास रुपये) एवं अंश का मूल्य रू 1000 (एक हज़ार रुपये) प्रति अंश किया जायेगा तथा थोक केन्द्रीय उपभोक्ता भण्डारों व जिला सहकारी विकास संघों में सदस्यता शुल्क रू किया गया है। ये परिवर्तन सहकारी संस्थाओं के विकास और सदस्यता स्तर पर कामकाज की गुणवत्ता में सुधार लाने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।
संपादक , यूकेसीडीपी, देहरादून।