तीर्थ नगरी ऋषिकेश में रविवार को मूल निवास और भू कानून स्वाभिमान रैली ने हलचल मचा दी।
ऋषिकेश के आईडीपेल हॉकी मैदान में हजारों लोग इस रैली के लिए जमा हुए । रैली में महिलाओं की संख्या अप्रत्याशित रूप से काफी ज्यादा रही। इस रैली ने उत्तराखंड आंदोलन की यादें ताजा कर दी। आईपीएल के मैदान से करीब 12 किलोमीटर तक का मार्च करते हुए लोग जब त्रिवेणी घाट पहुंचे तो लोगों का हुजूम देखने लायक था। लेकिन कुछ ही देर में एक के बाद एक त्रिवेणी घाट में हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हुए । इस रैली में एकत्रित लोगों ने सरकार को चेताने का कर की उत्तराखंड के लोग अब किसी के बहकावे में नहीं आने वाले। इसी के साथ राज्य में नशे की बिक्री पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग पर भी जोर दिया गया । इन्हीं सब मांगों को लेकर आंदोलन के नेता मोहित ने कहा कि क्या आपको मंजूर है कि हमारी जमीन पर बसे एम्स में बाहरी लोगों को नौकरी दी जाए और पहाड़ के नौजवान मुंह ताकते रह जाए । अंकिता हत्याकांड के सबक बने उस वीआईपी का खुलासा करने पर भी उन्होंने जोर दिया, जिसके बारे में विधानसभा में मंत्री प्रेमचंद ने कहा था कि कोई वीआईपी नहीं है बल्कि वीआईपी एक रूम था। मंत्री द्वारा सुरेंद्र नेगी की सारे रहा पिटाई, शराब माफिया द्वारा योगेंद्र डिमरी की पिटाई, सरकार द्वारा हाल ही में भू कानून बनाने के वादे और इन तमाम मुद्दों को लेकर यह स्वाभिमान महा रैली निकाली गई। इस रैली की विशेषता यहां थी कि इसमें ज्यादातर महिलाएं उत्तराखंड के पारंपरिक वेशभूषा में प्रदर्शन एवं नारेबाजी करती हुई नजर आई । त्रिवेणी घाट तक निकली निकली स्वाभिमान महा रैली में अलग-अलग समूह की महिलाओं एवं एक ही रंग की साड़ी अथवा पारंपरिक पोशाक में दिखी। वहां त्रिवेणी घाट में लोगों ने पवित्र गंगाजल हाथ में लेकर अपने मांगों के संबंध में लड़ाई जारी रखने का संकल्प किया। रैली में उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों के पहनावे और लोक संस्कृति के रंग भी खूब देखने को मिले । इस रैली में मोहित डिमरी और लूसुन टोडरिया के अलावा शिव प्रसाद सेमवाल , राकेश सिंह नेगी, मनोज गोसाई, कुसुम जोशी, संजय सिलस्वाल, राजेंद्र रमोला , रामकृष्ण पोखरियाल, उत्तम असवाल, करण सिंह पवार आदि मौजूद रहे।