1.राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द पर सख्ती से कदम उठाने की मांग।
2.छात्र संघ चुनाव संपन्न करवाए राज्य सरकार।
3.उपनल कर्मचारियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन की जगह उनके समायोजन के लिए नीति बनाई जाए ।
4.अशासकीय महाविद्यालयों के साथ सौतेला बर्ताव बंद हो और तत्काल नियुक्तियों पर लगी रोक हटाए सरकार।
मुख्यमंत्री ने दिया सकारात्मक आश्वाशन-धस्माना
देहरादून: उत्तराखंड राज्य की चार ज्वलंत प्रमुख समस्याओं के मामले में आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात कर राज्य में कुछ शरारती तत्वों द्वारा लगातार बिगाड़े जा रहे सांप्रदायिक सौहार्द, डीएवी महाविद्यालय समेत राज्य के केंद्रीय विश्वविद्यालय एच एन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध दस महाविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव संपन्न कराने,उपनल कर्मचारियों के संबंध में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकार की एसएलपी खारिज होने के खिलाफ रिव्यू पिटिशन दाखिल करने की बजाय उपनल कर्मचारियों को समायोजित करने की नीति बनाने व राज्य के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के साथ बरते जा रहे सौतेले व्यहवार पर विस्तार से चर्चा करते हुए इन मुद्दों पर तत्काल प्रभावी कार्यवाही की जाने की मांग की। श्री धस्माना ने मुख्यमंत्री से कहा कि वे पूरे राज्य के सीएम हैं और राज्य में रहने वाले प्रत्येक नागरिक चाहे वो किसी धर्म जाति का हो उसकी सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी है किंतु कुछ महीनों से राज्य के अलग अलग हिस्सों में कुछ शरारती तत्व प्रदेश का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने में लगे हैं। उत्तरकाशी, चमोली,रुद्रप्रयाग,श्रीनगर, देहरादून के मामलों का जिक्र करते हुए श्री धस्माना ने सीएम से आग्रह किया कि वे राज्य के प्रशाशन व पुलिस को ऐसे तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दें।
श्री धस्माना ने सीएम से राज्य के अशासकीय महाविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव ना करवाए जाने के उच्च शिक्षा विभाग के फैसले पर पुनर्विचार करते हुए तत्काल छात्र संघ चुनाव करवाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि छात्रों में छात्र संघ चुनाव ना करवाए जाने के निर्णय से भरी आक्रोश है और अगर चुनाव नहीं करवाए गए तो छात्रों का आक्रोश आंदोलन का रूप ले लेगा।
प्रदेश उपाध्यक्ष ने राज्य के २२ हजार से अधिक उपनल कर्मचारियों के संबंध में मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ राज्य सरकार अब बजाय रिव्यू पिटिशन दाखिल करने के इन कर्मचारियों के समायोजन के बारे में एक नीति बना कर उनको वरिष्ठता के आधार पर चरणबद्ध तरीके से नियमित करे। श्री धस्माना ने कहा कि अधिकांश कर्मचारियों को उपनल के माध्यम से राज्य के विभिन्न विभागों में सेवा योगदान देते हुए पांच से बीस वर्ष का समय हो गया है अतः उनको नियमित कर सरकार एक बड़ा जनहित का फैसला ले कर श्रेय ले सकती है।
श्री धस्माना ने राज्य के सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के साथ बरते जा रहे सौतेले व्यहवार पर मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि वर्ष २०१९ से राज्य के समस्त अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में नियुक्ति पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया हुआ है जिसके कारण डीएवी, डीबीएस,एमकेपी,एसजीआरआर,एमपीजी मसूरी जैसे महाविद्यालयों में शिक्षकों के सैकड़ों पद खाली पड़े हैं जिसके कारण शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है और अनेक विभागों के बंद होने की नौबत आ गई है। श्री धस्माना ने इस संबंध में बीस सूत्री मांग पत्र जिसमें विस्तार से अशासकीय महाविद्यालयों के साथ हो रहे भेद भाव पर प्रकाश डाला गया मुख्यमंत्री को सौंपा।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने धैर्य के साथ श्री धस्माना द्वारा उठाए गए मुद्दों को सुना और आश्वाशन दिया कि राज्य में किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी व सरकार सबकी सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने छात्र संघ चुनाव व उपनल कर्मचारियों के मुद्दे पर भी सकारात्मक रुख व्यक्त किया और उच्च शिक्षा के मामलों में सौंपे गए ज्ञापन का परीक्षण करवा कर यथोचित कार्यवाही करने का भरोसा दिया।
सादर
सूर्यकांत धस्माना
वरिष्ठ उपाध्यक्ष
प्रदेश कांग्रेस कमेटी
उत्तराखंड