18.8 C
Dehradun
Monday, October 13, 2025
Google search engine
Homeराज्य समाचार‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’ पर देहरादून में चर्चा और संवाद कार्यक्रम...

‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’ पर देहरादून में चर्चा और संवाद कार्यक्रम का हुआ आयोजन

प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना और अन्य प्रमुख राष्ट्रीय योजनाओं पर किसानों, वैज्ञानिकों और हितधारकों के साथ हुई चर्चा

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद–भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान देहरादून में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन भाषण का सीधा प्रसारण एवं संवाद कार्यक्रम आयोजित

कार्यक्रम में प्रगतिशील किसानों, मीडिया प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया तथा नई कृषि पहलों के प्रभावों पर विचार-विमर्श हुआ

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद–भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान (भा.कृ.अ.प.–भा.मृ.ज.सं.सं.), देहरादून ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर (एन.ए.एस.सी.) से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन भाषण का सीधा प्रसारण आयोजित किया। इस अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री द्वारा “प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना (पीएम.डी.डी.के.वाई.)” का शुभारंभ किया गया तथा भारत सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं एवं परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण संस्थान के मुख्यालय देहरादून के साथ-साथ देशभर में स्थित इसके सभी अनुसंधान केन्द्रों में भी किया गया।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार की सक्रिय नीतियों और किसानों की मेहनत ने हाल के वर्षों में कृषि उत्पादन और उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिससे देश की खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण समृद्धि सशक्त हुई है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय दलहन मिशन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी प्रमुख योजनाओं की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन योजनाओं ने किसानों की आय और कृषि क्षेत्र की स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने इस राष्ट्रीय कार्यक्रम के प्रतिभागियों का स्वागत किया, जो हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया था।

 

देहरादून स्थित भा.कृ.अ.प.–भा.मृ.ज.सं.सं. परिसर में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में श्री मुन्ना सिंह चौहान, विधायक, विकासनगर, उत्तराखंड ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और किसानों तथा प्रतिभागियों से संवाद किया। उन्होंने प्रधानमंत्री की पहलों को किसानों के सशक्तिकरण, सहकारी क्षेत्र की मजबूती तथा आत्मनिर्भर कृषि के लिए परिवर्तनकारी बताया। उन्होंने कहा कि परंपरागत कृषि ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के समन्वय से आज किसान केवल उत्पादक ही नहीं, बल्कि संसाधन प्रदाता बन रहे हैं, जो स्थानीय एवं राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर हैं।

संस्थान के निदेशक डॉ. एम. मधु ने किसानों को संबोधित करते हुए संगठित कृषि एवं विपणन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को स्वयं सहायता समूहों (स्वा.स.ग.), किसान उत्पादक संगठन (कृ.उ.स.) और महिला समूहों के माध्यम से संगठित होकर संसाधनों के कुशल उपयोग और अधिक लाभ प्राप्त करने के प्रयास करने चाहिए। डॉ. जे.एम.एस. तोमर, प्रमुख, वन एवं पादप विज्ञान प्रभाग ने मुख्य अतिथि और प्रतिभागियों का स्वागत किया, जबकि डॉ. आर.के. सिंह, प्रमुख, हाइड्रोलॉजी एवं इंजीनियरिंग प्रभाग ने कार्यक्रम के समापन विचार प्रस्तुत किए। डॉ. एम. मुरुगानंदम, प्रधान वैज्ञानिक ने किसानों से संवाद करते हुए कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी किसानों तक पहुँचना अत्यंत आवश्यक है, जिससे वे उनका लाभ उचित रूप से उठा सकें।

कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. जे.एम.एस. तोमर और डॉ. आर.के. सिंह ने किया। उनके साथ वैज्ञानिकों और तकनीकी अधिकारियों की टीम — डॉ. चरण सिंह, डॉ. अम्बरीश तिवारी, डॉ. राजेश कौशल, डॉ. विभा सिंघल, डॉ. एम. शंकर (प्रधान वैज्ञानिक); श्री गिरीश भट्ट (मुख्य प्रशासनिक अधिकारी); श्री राकेश कुमार, श्री मंगल सिंह चौहान, श्री अमित चौहान, श्री अनिल चौहान, श्री सुरेश कुमार (मुख्य तकनीकी अधिकारी), श्री लावल (प्रशासनिक अधिकारी) और श्री संजय पंत (सहायक प्रशासनिक अधिकारी) आदि उपस्थित रहे।

 

राष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने ₹24,000 करोड़ की प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना और ₹11,440 करोड़ की छह-वर्षीय आत्मनिर्भरता मिशन–दलहन क्षेत्र की घोषणा की। उन्होंने कृषि अवसंरचना कोष के अंतर्गत 1,034 परियोजनाओं का उद्घाटन किया तथा पशुपालन, मत्स्य और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों की अनेक योजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। कार्यक्रम के दौरान 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (कृ.उ.स.) के गठन, 50 लाख किसानों की सदस्यता, राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन और मैत्री तकनीशियन योजना के तहत प्रमाणन जैसी उपलब्धियों का भी उत्सव मनाया गया।

भा.कृ.अ.प.–भा.मृ.ज.सं.सं. में इस अवसर पर दूरदर्शन के बाद प्रगतिशील किसानों और मीडिया प्रतिनिधियों के साथ संवाद आयोजित किया गया, जिसमें नवप्रारंभित योजनाओं के कृषि स्थिरता, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और आजीविका सशक्तिकरण पर प्रभावों पर चर्चा हुई। प्रगतिशील किसानों और प्रेस प्रतिनिधियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। संस्थान द्वारा अपने अनुसंधान सुविधाओं और किसानों के लिए उपयोगी तकनीकों का भी प्रदर्शन किया गया।

कार्यक्रम में वैज्ञानिकों, कर्मचारियों और किसानों की उत्साही भागीदारी रही, जिससे संस्थान की सतत, लचीली और समृद्ध कृषि की राष्ट्रीय दृष्टि को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई गई। कुल 426 किसानों, जिनमें 98 महिला किसान शामिल थीं, ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

STAY CONNECTED

123FansLike
234FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest News