Sunday, December 8, 2024
Google search engine
Homeउत्तराखंडनदियों के पुनर्जीवन के नाम पर केवल बजट ठिकाने लगाने का इंतजाम...

नदियों के पुनर्जीवन के नाम पर केवल बजट ठिकाने लगाने का इंतजाम कर रही सरकार ऋषिपणा और कोसी नदी पर पहले श्वेत पत्र जारी करे सरकार-सूर्यकांत धस्माना

 

देहरादून : उत्तराखंड राज्य में जल संरक्षण अभियान के नाम पर नदियों को पुनर्जीवित करने का सरकार केवल ढकोसला कर रही है वास्तविकता यह है कि इस नाम पर केवल हजारों करोड़ रुपए के बजट को ठिकाने लगाने का इंतजाम किया जा रहा है यह बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने आज अपने कैंप कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। राज्य सरकार के जलस्रोत नदी पुनर्जीवन प्राधिकरण सारा के द्वारा राज्य की पांच नदियों टिहरी देहरादून में सोंग, पौड़ी की पूर्वी व पश्चिमी न्यार,नैनीताल की शिप्रा, व चम्पावत में गौड़ी नदियों को पुनर्जीवित करने के निर्णय पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सूर्यकांत ने कहा कि पहले राज्य की सरकार श्वेत पत्र जारी कर राज्य की जनता को बताए कि।वर्ष 2017 में भाजपा सरकार के तत्कालीन मुखिया श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के द्वारा रिसपना नदी (जिसका उन्होंने नया नामकरण ऋषिपणा कर दिया था ) व कोसी नदी के पुनर्जीवन की घोषणा 2017 में की थी और पिछले सात वर्षों में कई सौ करोड़ रुपए इनके पुनर्जीवन के कार्यक्रम में खर्च किए गए किंतु इन दोनों नदियों का पुनर्जीवित होना तो दूर इनकी स्थिति बद से बदतर हो गई । उन्होंने कहा कि रिसपना का हाल तो यह है कि उसके स्रोत तक सरकार व शासन की नाक के नीचे अतिक्रमण हो गया जिस पर अब एन जी टी द्वारा संज्ञान लेने व सरकार को अतिक्रमण हटाने के आदेश के बाद अब जा कर कुछ कार्यवाही की जा रही है । श्री धस्माना ने कहा कि सारा को निश्चित रूप से राज्य की नदियों के पुनर्जीवन व खत्म हो चुके जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने का अभियान चलाना चाहिए किंतु इससे पहले उन कारणों को समाप्त करने की आवश्यकता है जिनके कारण हमारी नदियां व जल स्रोत सूख रहे व लुप्त हो रहे हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष धस्माना ने कहा कि पिछले दस वर्षों में पहाड़ों में जिस तरीके से अंधाधुंध निर्माण हुए , ऋषिकेश से लेकर कर्णप्याग तक रेल लाइन बिछाने के लिए सुरंगें खोदी गई, चार धाम के लिए आल वैदर रोड के नाम पर पहाड़ों के सीने पर भारी मशीनें चलाई गईं व लंबी लंबी सुरंगें बनाई गई , लाखों हैक्टेयर जंगल जल कर राख हो गए ये मुख्य कारण हैं हमारी नदियों व जल स्रोतों के सूखने का। श्री धस्माना ने कहा कि श्री केदारनाथ व श्री बद्रीनाथ जी में जिस प्रकार से बुलडोजर व भारी मशीनें चलाई जा रही हैं उनसे उच्च हिमालई क्षेत्र में ग्लेशियर पिघल रहे हैं जिनसे रैणी जैसी आपदाएं घट रही हैं। श्री धस्माना ने कहा कि बिना इन विषयों को संबोधित किए केवल नदियों व जल स्रोतों के पुनर्जीवन का अभियान केवल कागजी कसरत है जिनका परिणाम रिसपणा व कोसी जैसा ही होना तय है और इस अभियान का मकसद केवल मोटा बजट ठिकाने लगाना ही हो सकता है।
सादर
सूर्यकांत धस्माना
वरिष्ठ उपाध्यक्ष
प्रदेश कांग्रेस कमेटी उत्तराखंड

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertisement

spot_img

MDDA

spot_img

Latest News

STAY CONNECTED

123FansLike
234FollowersFollow
0SubscribersSubscribe