देहरादून 8 अप्रैल। उत्तरांचल विश्वविद्यालय के लाॅ काॅॅलेज देहरादून में आज उत्तराखण्ड राज्य सेंटर फाॅर पब्लिक पाॅलिसी एण्ड गुड गर्वनेंश व संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के तत्वावधान में एक पाॅलिसी मेकिंग बूट केम्प का आयोजन किया गया। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के उत्तराखण्ड प्रमुख डा0 प्रदीप मेहता इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। उत्तराखण्ड सरकार के प्लानिंग विभाग, संयुक्त राष्ट्र विकास प्रोग्राम व द डायस संस्था के विषय विशेषज्ञों द्वारा लाॅ काॅलेज देहरादून के 72 छात्रों को नीति निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम के पहले सत्र में सी0पी0पी0जी0जी0 के विशेषज्ञों देवेश गुप्ता, मेघा गोयल व शैरन जेकब द्वारा नीति निर्माण की प्रक्रिया पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई। उन्होंने समस्या की जड़ों की पहचान, शोध के माध्यम से नीतियों का प्रारूप तैयार करना एवं समाज की सहभागिता के माध्यम से इन्हे क्रियान्वित करने के गुर सीखाएं।
अपने उद्घाटन भाषण में श्री मेहता ने सतत् विकास की दिशा में युवाओं और नागरिक समाज की भूमिका को रेखांंिकत किया। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम में वैश्विक निर्माण में किस प्रकार योगदान करता है एवं विभिन्न मंत्रालयों को योजनाओं के क्रियान्वयन में सहायता प्रदान करता है। उन्होंने उत्तरांचल विश्वविद्यालय के चैथे सतत् विकास लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की और कहा कि यह विश्वविद्यालय राज्य में इस क्षेत्र में अग्रणी है।
विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रो0 राजेश बहुगुणा ने कहा कि यह बूट केम्प नागरिक सहभागिता को बढ़ावा देने और भविष्य के नीति निर्माताओं को तैयार करने की दिशा में एक सशक्त पहल है जिसके माध्यम से लाॅ काॅलेज देहरादून ने एक बार फिर अपने शैक्षणिक उत्तरदायित्व, सामाजिक प्रतिबद्धता और 2030 सतत् विकास एजेंडा की दिशा में अपनी दृढ़ संकल्पना को दर्शाया है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 धर्मबुद्धि ने अपने सम्बोधन में कहा कि युवाओं को केवल भविष्य का नेतृत्वकर्ता नहीं, बल्कि वर्तमान में भी परिवर्तन के वाहक के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने युवाओं से सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु सक्रिय भागीदारी का आग्रह किया।
कार्यक्रम मंे विशेष रूप से काॅलेज की प्राचार्य प्रो0 पूनम रावत, डा0 लक्ष्मी प्रिया विंजामूरी सहित कार्यक्रम समन्वयक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थी।
प्रो0 राजेश बहुगुणा
उपकुलपति