जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन ट्राईफेड द्वारा इस वर्ष लीची बाग, 4 कैंट रोड, देहरादून मे दिनाँक 04-12 जनवरी 2025 से शुरू कार्यक्रम जो की 7 तारीख जनवरी 2025 को, यहां पर 50 स्सटाल लगे हे अरूणिमा प्रर्दशनी का आयोजन किया जा रहा है। जनजातीय कारीगरों की प्रतिभा को बढावा देने और उनकी कला को संरक्षित रखने के उददेश्य से ट्राईफेड इस तरह की प्रर्दशनियों का आयोजन करता है। आदि अरुणिमा पूर्वोत्तर क्षेत्र के जनजातीय उत्पादों पर केन्द्रित है और इस प्रर्दशनी का आयोजन देहरादून मे पहली बार चल रहा है।
यहां पर कही प्रकार के ऊनी टोपी के ऊनी कोट ऊनी टोपी जुराब कॉटन साड़ी सूट कुर्ती रेशम की साड़ी पोंचू और नेकलेस यारिंग्स आदि और यहां काले चावल पहाड़ी दाल हल्दी जीरा मडुए का आटा मक्की का आटा अचार हैंड बैग दरी स्वेटर गमछा हिमाचली टोपी सिकिम, का साड़ी शोल उलन मॉफलर इंस्टॉल टोपी जुराब नेकल्स इयररिंग पोंचू आदि आसाम,का शोल गमछा चादर आचार काले चावल चाय पत्ती आती लखनपुर, हैंड वर्क रोटी बास्केट हैंड बैग मोजे आदि उत्तराखंड, पहाड़ी दाल अचार मांडवे का आटा पहाड़ी नमक सुखा सेब सुखी खुमानी हल्दी हरसा राजमा ग्रीन टी हैंड लूम ऊनी टोपी स्वेटर जुराब आती अरुणाचल प्रदेश, मोफलर रुमाल अचार बनाना चिप्स साबुन आदि हैंड बैग शोल कोट इटोल सिक्किम वूलन जैकेट कुर्ता हैंड वर्क शोल टोपी रैबिट के उन के जुराब टोपी स्वेटर ट्रेडिशनल बैग सोफा कवर नागालेंड, नेकलेस ब्रेसलेट इयररिंग्स आदि, लोगों ने यहां खूब खरीदारी करी यहां पर हर रोज सांस्कृतिक कार्यक्रम गढ़वाली जौनसारी की प्रस्तुति दी जाती है
इस प्रर्दशनी में करीब 50 कारीगर आसाम, अरूणाचल, नागालैण्ड, मणिपुर व सिक्किम से प्रतिभाग कर रहें है। करीब 20 कारीगर उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश से भी अपने उत्पाद बिकि के लिए प्रदर्शित कर रहें है। ऐसी प्रदर्शिनियों से जनजातीय कारीगरों एंव उधमियों को आय अर्जित होती है और उन्हे प्रोत्साहन मिलता है।