हिमालय के प्रति आमजन की गंभीरता जरूरीः पदमभूषण डा० अनिल प्रकाश जोशी
रविवार को सी०एम०आई० अस्पताल में आयोजित हुई गोष्ठी
पदमभूषण डा०अनिल प्रकाश जोशी ने दिलाई हिमालय संरक्षण की शपथ
पदमभूषण डा० अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि हिमालय के हालात यदि खराब हुये तो इसके सबसे अधिक दुष्परिणाम मानव को भुगतने पड़ेंगे। कहा कि इससे बेहतर यह होगा कि प्रत्येक व्यक्ति को समय रहते हुये हिमालय के प्रति गंभीरता दिखाकर इसके संरक्षण एवं सवर्धन की दिशा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
रविवार को सी०एम०आई० अस्पताल सभागार में हिमालय एवं स्वास्थ्य पर एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पदमभूषण डा०अनिल प्रकाश जोशी ने शिरकत की । कार्यक्रम को संबोधित करते हुये पदमभूषण डा०अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि मानव जीवन प्रकृति से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि समय-समय घटित होने वाली प्राकृतिक आपदाओं से हमें सीख लेनी चाहिये। डा० जोशी ने कहा कि प्रबंधन का अभाव होने के चलते हमें प्राकृतिक आपदाओं के दुष्परिणामों का सामना करना पड़ता है। कहा कि यदि समय रहते हुये मानव प्रकृति के प्रति गंभीर न हुआ तो हर वर्ष नई आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है।
कार्यक्रम में उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं सी०एम०आई० अस्पताल के निदेशक पदमश्री डा०आर०के० जैन ने कहा कि हिमालय नदियों का स्त्रोत है। कहा कि हिमालय के संरक्षण एवं संवर्द्वन की दिशा में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।
सी०एम०आई० अस्पताल के प्रबंध निदेशक वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डा० महेश कुड़ियाल ने कहा कि हिमालय भारत की सबसे महत्वपूर्ण भौगोलिक संरचना है। कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह प्रकृति के संरक्षण की दिशा में निस्वार्थ भाव से कार्य करें। गोष्ठी के दौरान पदमभूषण डा० अनिल प्रकाश जोशी ने अस्पताल के स्टाफ को हिमालय प्रतिज्ञा भी दिलाई। इस अवसर पर डा० संजय प्रकाश सक्सेना, डा० प्रवीण जिंदल, डा० सुमिता प्रभाकर, डा० अंशिका जैन, डा० रोहित अरोड़ा, डा० अपूर्व जैन,डॉ० संजीव कुमार, प्रबंधक बी०सी० डिमरी, पीआरओ नवीन परमार मौजूद रहे। गोष्ठी का संचालन अस्पताल के प्रबंधक बी०सी० डिमरी ने किया।