उत्तराखंड राज्य गठन के समय राज्य आंदोलनकारी का प्रसिद्ध नारा कोदा, झंगोरा खाएंगे उत्तराखंड बनाएंगे, इस नारे कोसाकार करने के लिए द्वारिका प्रसाद सेमवाल के नेतृत्व में वर्ष 2000 से गढ़ भोज अभियान की शुरुआत हुई । इस अभियान ने उत्तराखंड के परंपरागत भोजन को थाली और आर्थिकी का माध्यम बनाकर मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया। गढ़ भोज दिवस की शुरुआत हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी की ओर से 7 अक्टूबर को प्रतिवर्ष मानने से की गई । वर्ष 2023 में गढ़ भोज दिवस उत्तराखंड और देश के साथ अन्य राज्यों के साथ विदेश में 15000 स्थान में 20 लाख छात्रों व आमजन के सहभागी से संपन्न हुआ । इस वर्ष गढ़ भोज दिवस का विषय गढ़ भोज से निरोगी काया पर आधारित है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 7 अक्टूबर को गढ़ भोज दिवस के लिए वीडियो संदेश जारी किया है। जिसके माध्यम से राज्य के स्कूलों, कॉलेज, विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, होटल, रेस्टोरेंट, शैक्षिक संस्थानों, स्वयं सहायता समूह के साथ-साथ देश-विदेश में रहने वाले प्रवासी एवं दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भोजन के कारोबार से जुड़े उत्तराखंडायों से गढ़ भोज दिवस मनाने का आवाहन किया है।