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प्रयागराज महाकुंभ 2025 संस्कृति, आस्था और एकता का महासंगम: डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’

आज मुख्यमंत्री आवास, लखनऊ में पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ 2025 के दिव्य एवं ऐतिहासिक आयोजन के लिए मुख्यमंत्री जी को हार्दिक बधाई एवं आभार व्यक्त किया।

इस महत्वपूर्ण चर्चा के दौरान, पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व शिक्षा मंत्री सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे। सभी नेताओं ने इस भव्य आयोजन की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और वैश्विक महत्ता पर अपने विचार साझा किए।

महाकुंभ: केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का विश्वगौरव

डॉ. निशंक ने इस अवसर पर कहा—
“महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और सनातन परंपराओं की दिव्यता का वैश्विक प्रकाशपुंज है।”

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में यह महाकुंभ भारत की सांस्कृतिक चेतना को विश्व पटल पर स्थापित करने का एक अद्वितीय अवसर बन गया है।

महाकुंभ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारत की सनातन परंपराओं का पुनर्जागरण भी है। यह आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र है, जिसने युगों से भारत को ज्ञान, भक्ति और कर्म का संगम बनाया है।

वसुधैव कुटुंबकम्: एकता और समरसता का संदेश

डॉ. निशंक ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में आस्था और अध्यात्म के साथ भारत की सांस्कृतिक एकता की अद्भुत झलक मिलती है। यह आयोजन विविध भारतीय परंपराओं को एक सूत्र में बाँधता है और सम्पूर्ण विश्व को ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ का संदेश देता है।

महाकुंभ के दौरान देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाकर भारतीय सनातन संस्कृति की भव्यता को अनुभव करेंगे।

एक संकल्प, एक संदेश!

इस महत्वपूर्ण भेंट के साथ यह स्पष्ट हो गया कि प्रयागराज महाकुंभ 2025 केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि सम्पूर्ण विश्व के लिए एक दिव्य और ऐतिहासिक अवसर होगा। यह महाकुंभ भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और वसुधैव कुटुंबकम की भावना को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में सहायक सिद्ध होगा।

“हर हर गंगे! जय सनातन, जय भारत!”

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