विषय : जलवायु परिवर्तन: अनुकूलन रणनीतियाँ एवं आपदा जोखिम प्रबंधन में एकीकरण
उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी एवं सुराज विभाग, उत्तराखण्ड सरकार, सीमांत पर्वतीय जनपदों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सतत रूप से कार्य कर रही है। परिषद द्वारा ‘सीमांत सशक्त, राष्ट्र सशक्त’ की अवधारणा और ‘विज्ञान से अन्त्योदय’ के उद्देश्य के अंतर्गत प्रतिवर्ष सीमांत जनपदों के स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
इस श्रृंखला में विगत वर्षों में प्रथम बाल विज्ञान महोत्सव का आयोजन चम्पावत, द्वितीय चमोली एवं तृतीय पिथौरागढ़ में सफलतापूर्वक सम्पन्न हो चुका है। वर्ष 2025-26 में चतुर्थ राज्य स्तरीय बाल विज्ञान महोत्सव का आयोजन दिनांक 15-16 अक्टूबर, 2025 को सीमांत जनपद रुद्रप्रयाग स्थित पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, बणसु, जाखधार, गुप्तकाशी में किया जाना प्रस्तावित है।
यह आयोजन मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन एवं महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत के नेतृत्व में आयोजित किया जा रहा है, जिनका मुख्य उद्देश्य सीमांत क्षेत्रों के सतत विकास एवं वैज्ञानिक सशक्तिकरण पर केन्द्रित है।
इस वर्ष के महोत्सव की थीम “जलवायु परिवर्तन: अनुकूलन रणनीतियाँ एवं आपदा जोखिम प्रबंधन में एकीकरण” (Integrated Climate Change Adaptation and Mitigation Strategies into Disaster Risk Management Plans) रखी गई है, जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण तथा आपदा प्रबंधन जैसे ज्वलंत विषयों पर छात्र-छात्राओं में जागरूकता उत्पन्न करना तथा वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करना है।
कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के छह सीमांत पर्वतीय जनपद – पिथौरागढ़, बागेश्वर, चम्पावत, उत्तरकाशी, चमोली एवं रुद्रप्रयाग के लगभग 1000 छात्र -छात्राएँ प्रतिभाग करेंगे। इसके साथ ही, इस महोत्सव में देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, विज्ञान संचारक, विज्ञान प्रदर्शक एवं विशेषज्ञ भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएँगे।
प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों को जूनियर वर्ग (कक्षा 6 से 8) तथा सीनियर वर्ग (कक्षा 9 से 12) में विभाजित किया जाएगा, जिसमें विज्ञान कविता पाठन (हिंदी एवं अंग्रेज़ी), विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता, विज्ञान प्रश्नोत्तरी एवं बाल चौपाल जैसी गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। प्रतिभागियों का चयन ब्लॉक, जनपद और अंत में राज्य स्तर पर किया जाएगा।
यूकॉस्ट की इस पहल का लक्ष्य सीमांत क्षेत्रों के छात्र – छात्राओं को राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने हेतु वैज्ञानिक अवसर प्रदान करना है। पिछले तीन वर्षों से आयोजित बाल विज्ञान महोत्सवों में 5000 से अधिक छात्र – छात्राओं ने सक्रिय सहभागिता की है, जो इस कार्यक्रम की सफलता और प्रभाव को दर्शाता है। परिषद द्वारा इस आयोजन हेतु सभी तैयारियाँ जोर-शोर से की जा रही हैं। यह कार्यक्रम सीमांत जनपदों में विज्ञान शिक्षा को नई दिशा देने में मील का पत्थर साबित होगा।