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Thursday, July 31, 2025
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उत्तराखंड में सीएसआर के साथ शिक्षा व्यवस्था में साझेदारी शिक्षा क्षेत्र में करेगी नहीं ऊर्जा का संचार- राज्यपाल

सीएसआर के तहत प्रारंभ की गई यह पहल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाएगी , अपितु हमारे बच्चों के उज्जवल भविष्य की भी रखेगी मजबूत नींव-सीएम धामी

सीएसआर साझेदारी एक ऐतिहासिक निर्णय-सीएम

इस मुहिम से जुडेंगे पुरातन छात्र व प्रवासी उत्तराखंडी-शिक्षा मंत्री डॉ. रावत

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज राजभवन में आयोजित Patnership for Building for future ready school’s through corporate social responsibility fund कार्यक्रम में प्रतिभाग कर विभिन्न स्कूली छात्रों को किया संबोधित

देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज राजभवन में आयोजित ‘‘भविष्य के लिए तैयार स्कूलों के निर्माण’’ पार्टनरशिप का बिल्डिंग्स फ्यूचर रेडी स्कूल्स थ्रू कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड सीएसआर) कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उनकी उपस्थिति में उत्तराखण्ड के सरकारी विद्यालयों में आधुनिकीकरण एवं बेहतर शैक्षणिक वातावरण के लिये सीएसआर निधि से होने वाले विकास हेतु शिक्षा विभाग और उद्योग जगत के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग द्वारा आईजीएल, रिलैक्सो फुटवियर, कन्विजीनियस, ताज ग्रुप एवं गोंडवाना रिसर्च के साथ एमओयू किया गया।

इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने और नए युग की शुरूआत हेतु यह एक निर्णायक कदम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा आरंभ की गई यह अभिनव योजना दूरगामी प्रभाव डालने वाली है, जो राज्य की युवा और अमृत पीढ़ी को एक समृद्ध, सक्षम और उज्ज्वल भविष्य प्रदान करेगी। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में उद्योग जगत के साथ साझेदारी से शिक्षा व्यवस्था में एक नई ऊर्जा का संचार होगा और इसके ऐतिहासिक परिणाम सामने आएंगे।

राज्यपाल ने कहा कि कॉर्पोरेट समूहों एवं समाजसेवियों द्वारा राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों को
को गोद लिया जाना एक व्यावहारिक और दूरदर्शी निर्णय है, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार, डिजिटल शिक्षा, पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं, खेल सामग्री और अन्य आधारभूत सुविधाएं सुदृढ़ होंगी। राज्यपाल ने इस बात की सराहना की कि इस पहल में पर्वतीय क्षेत्रों के विद्यालयों को प्राथमिकता दी गई है, जिससे दुर्गम इलाकों के बच्चों को भी समान अवसर प्राप्त होंगे। राज्यपाल ने शिक्षा विभाग से पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्धता सुनिश्चित करने का सुझाव भी दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश के 550 सरकारी विद्यालयों को देश के प्रतिष्ठित उद्योग समूहों और प्रवासी उत्तराखंडियों द्वारा गोद लिया जा रहा है। शैक्षणिक इतिहास शैक्षणिक इतिहास में यह एक ऐतिहासिक निर्णय है, जो प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा। इसके तहत स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशालाएं, खेल सामग्री, स्वच्छ शौचालय, कंप्यूटर लैब जैसी आधुनिक सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।

सीएम धामी ने कहा कि सीएसआर के तहत प्रारंभ की गई यह पहल केवल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाएगी , अपितु हमारे बच्चों के उज्जवल भविष्य की भी मजबूत नींव रखेगी। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के 550 विद्यालयों में बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा तथा उन्हें विभिन्न आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण व्यावहारिक और आधुनिक बनाने हेतु निरंतर प्रयासरत है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रो में बाल वाटिकाओं की स्थापना की गई साथ ही छात्रवृत्ति योजनाओं एवं भारत भ्रमण जैसे प्रेरणादाई पहलुओं के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि 294 उद्योगपतियों से बात की है जिसमें से 280 उद्योगपतियों द्वारा विद्यालयों को गोद लेने के लिए हामी भरी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी विधायकों द्वारा भी अपनी-अपनी विधानसभा क्षेत्रों के एक-एक विद्यालय के लिए अवस्थापना सुविधाओं में सहयोग के लिए आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि स्कूल के पुरातन छात्र भी स्कूलों को गोद लेने के इच्छुक हैं लेकिन कोई विशेष एसओपी न होने के कारण वे स्कूलों में सहयोग करने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग जल्द ही एसओपी जारी कर रहा है जिससे पुरातन छात्र भी स्कूलों में मदद दे पाएंगे। इसके अलावा उन्होंने प्रवासी उत्तराखंडियों से भी इस पहल में सहयोग करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि देश-विदेश में रह रहे समृद्ध व सम्पन्न प्रवासी उत्तराखंडी अपने गांव या आसपास के किसी भी स्कूल को गोद ले सकते हैं और उन्हें साधन सम्पन्न बना सकते हैं। इस दौरान उन्होंने सभी सहयोगी संस्थाओं को इस ऐतिहासिक साझेदारी के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पहल उत्तराखण्ड में शिक्षा के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत करेगी।

इस अवसर पर सचिव रविनाथ रमन, अपर सचिव रंजना राजगुरु, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. मुकुल कुमार सती, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा अजय नौटियाल सहित शिक्षा विभाग के अधिकारीगण और उद्योग जगत के कई लोग उपस्थित रहे।

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