देहरादून 27 जून। उत्तरांचल विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद ऑडिटोरियम में आज विदेशी छात्रों के प्रथम दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के अध्यक्ष श्री जितेन्द्र जोशी इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। डिग्री पाने वाले छात्रों में विश्व के 8 देशों के छात्र सम्मिलित हुए। छात्रों के अभिभावकों ने भी बड़े उत्साह के साथ कार्यक्रम में भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीक्षांत समारोह जूलूस के साथ किया गया। जूलूस का नेतृत्व परम्परानुसार विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डा0 अनुज राणा ने किया जबकि मुख्य अतिथि सबसे पीछे चल रहे थे। जूलूस के प्रवेश के साथ ही पूरा ऑडिटोरियम मंत्रोचारण से गूंज उठा। भारतीय परम्परा व वैदिक मंत्रों का प्रभाव विदेशी छात्रों पर दिखाई दे रहा था। डिग्री लेने वाले छात्रों में इथियोपिया, घाना, लाइबेरिया, नामीबिया, नेपाल, नाइजीरिया, जाम्बिया तथा ज़िम्बाब्वे आदि देशों के छात्र सम्मिलित थे।
भारत के उत्तरांचल विश्वविद्यालय से डिग्री पाकर जहाँ एक ओर विदेशी छात्रों के चेहरे खिल उठे वहीं दूसरी ओर विदेश से शिक्षा ग्रहण कर अपने देश वापस जाने का संतोष भाव भी उनके चेहरों पर स्पष्ट दिख रहा था। उन्होंने कहा कि वे उत्तरांचल विश्वविद्यालय से न केवल डिग्री बल्कि देवभूमि उत्तराखण्ड की मधुर स्मृति भी लेकर जा रहे है। इसकी अमिट छाप आजीवन उनके आचरण में रहेगी।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 धर्मबुद्धि ने विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट पढ़ी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की शिक्षा प्रणाली, नवाचार, शोध व केम्पस के अतुलनीय शैक्षिक वातावरण से प्रभावित विश्व के 17 से ज्यादा देशों के छात्र-छात्राएं आज उत्तरांचल विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर रहे है। बी0एस0सी0 (बायोटेक्नोलॉजी), बी0बी0ए0, बी0सी0ए0, एम0एस0सी0 (फूड टेक्नोलॉजी) एम0एस0सी0 (एग्रीकल्चर), एम0टेक, एम0बी0ए0, एम0सी0ए0, एम0एच0ए0, एम0पी0एच0 आदि कोर्स ने विदेशी छात्रों को सर्वाधिक आकर्षित किया है।
अपने सम्बोधन में श्री जितेन्द्र जोशी ने कहा कि भारत की शिक्षा नीति एवं प्रतिष्ठा जहाँ एक ओर विदेशी छात्रों के आकर्षण का कारण बनी, वहीं उत्तरांचल विश्वविद्यालय द्वारा भी छात्रों को अपेक्षित शैक्षिक वातावरण देने में भी कोई कसर नही छोड़ी गई। उन्होंने विदेशी छात्रों से कहा कि भारत की जीवन शैली और शिक्षा को आत्मसात कर वे एक सफल व्यक्ति बनेगें।
इस अवसर पर मुख्य रूप से विश्वविद्यालय संचालक समिति की उपाध्यक्षा श्रीमती अनुराधा जोशी, विश्वविद्यालय की उपाध्यक्षा सुश्री अंकिता जोशी, उपकुलपति प्रो0 राजेश बहुगुणा, कार्यकारी निदेशक डा0 अभिषेक जोशी, प्रो0 प्रदीप सूरी, प्रो0 पूनम रावत, प्रो0 अजय सिंह, प्रो0 श्रवण कुमार, प्रो0 सोनल शर्मा, प्रो0 सुमित चौधरी, प्रो0 विकास जखमोला, प्रो0 मनीष बडोनी, प्रो0 शरद पाण्डेय, प्रो0 कार्तिकेय गौड, प्रो0 राजेश सिंह, डा0 अमित भट्ट, मनोज ध्यानी, नितिन डुकलान तथा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थी।