उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) में राष्ट्रीय गणित दिवस उत्साह के साथ मनाया गया । इस अवसर पर आईआईटी रूड़की से गणित और साइंटिफिक कंप्यूटिंग विभाग की संयुक्त संकाय की प्रमुख, डॉ मिल्ली पंत मुख्य वक्ता रही। कार्यक्रम की शुरुआत, यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत के वीडियो संदेश से हुई, जिसमे उन्होंने सबको शुभकामनाएं प्रेषित की और कहा कि परिषद् छात्रों के लिए गणित, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विषय को अधिक सुलभ और आकर्षक बनाने की और अग्रसर है जिसके तहत लैब ऑन व्हील्स और स्टेम लैब्स द्वारा राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है। डॉ. डी.पी. उनियाल, संयुक्त निदेशक यूकॉस्ट ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम के महत्त्व पर चर्चा की। उन्होंने गणित दिवस की सार्वभौमिक प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे गणित खगोल विज्ञान से लेकर दैनिक गतिविधियों तक विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित है। श्री जी एस रौतेला, सलाहकार, साइंस सिटी ने श्रीनिवास रामानुजन और डॉ. शकुंतला देवी जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों के कार्य पर बात की और गणित की गहरी समझ और हमारे जीवन में इसके महत्व को बढ़ावा देने में विज्ञान संचार की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गणित को लोकप्रिय बनाने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। डॉ. मिल्ली पंत, आईआईटी रूड़की ने “गणित का इतिहास और वर्तमान रुझान” विषय पर एक बहुत ही सारगर्भित प्रस्तुति दी। पहले भाग में उन्होंने भारत की समृद्ध गणितीय विरासत से सबको अवगत कराया, जिसमें वैदिक ग्रंथ और गणित, सुलभ सूत्र और ज्यामिति, पिंगला के चंद्र शास्त्र, आर्यभट्ट के योगदान और ब्रह्मगुप्त के बीजगणित के सिद्धांत जैसे विषय शामिल थे। दूसरे भाग में उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 तथा पाठ्यक्रम सुधारों, आधुनिक शिक्षा में वैदिक गणित के एकीकरण और भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए आकर्षक तरीके से गणित पढ़ाने के महत्व को संबोधित किया गया। उन्होंने कहा कि गणित के क्षेत्र में छात्रों की रुचि बढ़ाने के लिए वैदिक गणित में कौशल विकास पाठ्यक्रम और शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल किये जाने चाहिए । कार्यक्रम का समापन वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. आशुतोष मिश्रा के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, उन्होंने वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजक टीम को उनके प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन यूकॉस्ट की वैज्ञानिक अधिकारी जागृति उनियाल ने किया । इस अवसर पर परिषद् के अधिकारी और कर्मचारी सम्मिलित हुए।