आज सचिवालय में सेतु आयोग ने नगर निकायों के सशक्तिकरण की दिशा में गहन विश्लेषण आधारित रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी। सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी ने रिपोर्ट सौंपते हुए कहा कि नगर निगम और निकायों को स्वावलंबी और सशक्त बनाने, प्रदेश के शहरी विकास और नगरों की समस्याओं को सुधारने की दिशा में सुझाव दिए गए।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु निकायों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वित्तीय स्वायत्तता और राजस्व जुटाने की क्षमता बढ़ावा और भारतीय संविधान की 12वीं अनुसूची में शामिल 18 कार्यों (जैसे जल आपूर्ति, सार्वजनिक स्वास्थ्य, शहरी नियोजन ) को निकायों को हस्तांतरित करना है। रिपोर्ट में तकनीकी नवाचार के लिए स्मार्ट गवर्नेंस जीआईएस मैपिंग और डाटा आधारित निर्णय लेने को बढ़ावा देना भी है। इसके साथ ही निकायों के कर्मचारियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट में
महाराष्ट्र मध्य प्रदेश, उड़ीसा आदि राज्यों में इस दिशा में किए गए सुधारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। देश के सफल शहरी निकायों के मॉडलों को उत्तराखंड की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार प्रभावी रूप से ढाले जाने के लिए भी सुझाव दिए गए हैं। रिपोर्ट में आपदा रोधी योजना और भूस्खलन प्रबंधन नियोजन में आम लोगों की राय को प्राथमिकता देने का भी जिक्र किया गया है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सेतु आयोग के सीईओ शत्रुघ्न सिंह, सचिव शहरी विकास नितेश झा, श्रीमती राधिका झा, चंद्रेश यादव, सेतु आयोग से डॉक्टर भावना शिंदे, डॉक्टर प्रिया भारद्वाज, अंकित कुमार एवं शहजाद अहमद मलिक आदि उपस्थित रहे।