1200+छात्रों की भागीदारी, 500+ प्रविष्टियाँ, 90़+फ़ाइनलिस्ट, विजेताओं को ₹1 लाख, ₹50,000 और ₹25,000 के पुरस्कार
देहरादून, 18 नवंबर 2025: UPES ने अपने रनवे इनक्यूबेटर के माध्यम से दो दिवसीय फ्यूचर फ़ाउंडर्स चैलेंज (FFC) 2025 के भव्य समापन की घोषणा की। 17- 18 नवंबर को आयोजित इस राष्ट्रीय स्तर की स्टार्ट- अप प्रतियोगिता में देशभर के शीर्ष 30 स्कूलों ने भाग लिया, जिन्हें 500+ प्रविष्टियों और 1200+ छात्रों में से चुना गया था। इस वर्ष विभिन्न राज्यों और स्कूल प्रणालियों से प्राप्त बड़ी संख्या में प्रविष्टियों ने प्रतियोगिता को अत्यंत प्रतिस्पर्धात्मक बना दिया। फ़ाइनल राउंड में 34 टीमों ने हिस्सा लिया, जिसमें 90+छात्र देहरादून पहुँचकर ऑन- कैंपस फ़ाइनल में शामिल हुए।
कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों के लिए तैयार इस प्रतियोगिता का उद्देश्य उन्हें वास्तविक उद्यमिता का अनुभव दिलाना था । विचारों को निखारने से लेकर बिजनेस मॉडल तैयार करने और पेशेवर पिचिंग तक, दो दिनों के दौरान प्रतिभागियों ने कीनोट सत्रों, इंटरैक्टिव कार्यशालाओं और कई पिचिंग राउंड्स में हिस्सा लिया, जिनमें उनके विचारों के साथ-साथ उनकी स्पष्टता, आत्मविश्वास और समस्या-समाधान कौशल का भी परीक्षण हुआ।
FFC- 2025 के लिए निर्णायक मंडल में भारत के स्टार्टअप और नवाचार इकोसिस्टम से प्रमुख नाम शामिल थे , सिद्धार्थ डागा (संस्थापक, Neomotion ) सौरभ जैन (संस्थापक, Fun2Do Labs, एडवाइज़र -Paytm पूर्व वाइस प्रेसीडेंट- Paytm) , डॉ. विक्रम वेंकटेश्वरन् (हेल्थकेयर एवं लाइफ साइंसेज़ विशेषज्ञय पूर्व पार्टनर – Deloitte ) और जीत विजय (पूर्व CEO MeitY Startup Division, बोर्ड सदस्य, Digital India Corporation)।
पहले दिन का शुभारंभ उद्घाटन समारोह, ऊर्जा-वर्धक सत्र और यूनिट इकनॉमिक्स व प्रभावी पिचिंग पर कार्यशालाओं के साथ हुआ, जिन्हें प्रो. राहुल नैणवाल ( CEO रनवे इनक्यूबेटर) और स्टार्ट-अप मेंटर जीत विजय ने संचालित किया। इसके बाद 30 चयनित टीमों ने तीन अलग-अलग ट्रैक्स में अपनी प्रारंभिक पिचें प्रस्तुत कीं।
अंतिम दिन शीर्ष 10 टीमें MAC में ग्रैंड फ़िनाले पिचिंग राउंड के लिए लौटीं। चुनौतीपूर्ण प्रस्तुतियों के बाद निर्णायकों ने उन टीमों को चुना जिनके विचार नवाचार, व्यवहार्यता और सामाजिक या पर्यावरणीय प्रभाव के मजबूत मिश्रण पर आधारित थे। फ़ाइनल में प्रस्तुत समाधानों में रक्षक (सागर पब्लिक स्कूल, भोपाल) द्वारा स्मार्ट क्रचेज़ जिनमें पोर्टेबल चेयर और छाता एकीकृत है, वाणी ( APS धौला कुआँ, दिल्ली) द्वारा साइन लैंग्वेज को कई भारतीय भाषाओं में टेक्स्ट में बदलने वाली रोबोटिक ग्लवय फ़्यूचर फ़ॉरवर्ड्स (DPS जबलपुर) द्वारा दृष्टिबाधित उपयोगकर्ताओं के लिए , AI-सक्षम स्मार्ट असिस्टेंट ग्लासेज़य और फ़्रंटलाइन टेक्नोलॉजीज़ (वेंदकेश्वर इंटरनेशनल स्कूल, द्वारका) द्वारा विकसित सतत बायोफ्यूल जनरेशन सिस्टम शामिल थे। फ़ाइनल के बाद सिद्धार्थ डागा का कीनोट सत्र हुआ, जिसके पश्चात मुख्य अतिथि सौरभ जैन द्वारा पुरस्कार वितरण किया गया।
फ्यूचर फ़ाउंडर्स चैलेंज के अंतर्गत विजेताओं के लिए आकर्षक पुरस्कारों की घोषणा की गई। राष्ट्रीय विजेता टीम को ₹1,00,000, प्रथम उपविजेता को ₹50,000 और द्वितीय उपविजेता को ₹25,000 प्रदान किए गए। इसके अलावा चौथे, पाँचवें और छठे स्थान पर रहने वाली टीमों को क्रमशः ₹15,000, ₹10,000 और ₹7,500 प्रदान किए गए। इन पुरस्कारों के अतिरिक्त, चयनित टीमों को UPES रनवे इनक्यूबेटर के माध्यम से मार्गदर्शन और संभावित इनक्यूबेशन अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
कार्यक्रम के समापन पर UPES के कुलपति, डॉ. राम शर्मा ने कहा, “उद्यमिता किसी यूनिकॉर्न के पीछे भागने का नाम नहीं है” यह दुनिया को तेज़, पैनी दृष्टि से देखने की कला है। यदि आप किसी वास्तविक समस्या या असुविधा की पहचान कर सकते हैं और उसके समाधान को बड़े पैमाने पर लागू कर सकते हैंए तो यही एक सार्थक उद्यम की नींव है। नवाचार जिज्ञासा और साधारण दिखने वाली बातों पर प्रश्न उठाने से पैदा होता है। UPES में हम प्रतिदिन देखते हैं कि कैसे छात्र रक्षा तकनीकों से लेकर AI- आधारित प्लेटफ़ॉर्म तक पर काम कर रहे हैं, जिनमें से कुछ ने बड़ी सरकारी अनुदान राशि भी प्राप्त की है क्योंकि वे वास्तविक समस्याओं को हल करने का साहस रखते हैं। फ्यूचर फ़ाउंडर्स चैलेंज के माध्यम से मैं चाहता हूँ कि ये युवा प्रतिभागी समझें कि प्रभावशाली समाधान कैसे बनते हैं, सामान्य से परे कैसे सोचा जाता है और यह विश्वास करें कि एक स्कूल छात्र भी ऐसे विचार प्रस्तुत कर सकता है जो भविष्य में बड़े पैमाने पर बढ़ सकते हैं।”
For more information, please visit: www.upes.ac.in.
About UPES:
Established through the UPES Act, 2003, of the State Legislature of Uttarakhand, UPES is a top-ranked, UGC-recognised, private university. As per the National Institutional Ranking Framework (NIRF) 2025, the Ministry of Education, Government of India, UPES has been ranked 45 among universities, with a rank of 18 in Law, 36 in Management, and a rank of 43 in Engineering. As per the Times Higher Education (THE) World University Rankings 2025, UPES now stands in the 501-600 band globally and 7th in India, with a leap of over 300 ranks from 2024. In addition to this, the university has been ranked the No.1 private university in academic reputation in India by the QS World University Rankings 2025. It is among the top 2% of universities in the world.
UPES has also been accredited by NAAC with a grade ‘A’ and has received 5 stars on Employability (placements) by globally acclaimed QS Rating. The university has had 100% placements over the last five years. 50+ faculty members from UPES feature among the world’s top 2% researchers as per Stanford University list.
UPES offers graduate and postgraduate programs through its seven schools: School of Advanced Engineering, School of Computer Science, School of Design, School of Law, School of Business, School of Health Sciences & Technology, and School of Liberal Studies and Media. The UPES family includes 19100+ students, 1,500+ faculty and staff members and a thriving community of 38000+ alumni.
