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यूकॉस्ट द्वारा “माँ धरा नमन” अभियान के तहत विश्व पृथ्वी दिवस 2025 का आयोजन

 

22 अप्रैल 2025 को उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST) द्वारा “माँ धरा नमन” अभियान के अंतर्गत विश्व पृथ्वी दिवस-2025 का आयोजन आंचलिक विज्ञान केंद्र देहरादून में उत्साह और प्रकृति संरक्षण संकल्प के साथ किया गया। इस वर्ष पृथ्वी दिवस की थीम “हमारी शक्ति, हमारा ग्रह” रही। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. डी.पी. उनियाल, संयुक्त निदेशक, यूकॉस्ट द्वारा स्वागत भाषण एवं पृथ्वी दिवस के महत्व की संक्षिप्त जानकारी के साथ हुई। उन्होंने आने वाली पीढ़ियों के लिए पृथ्वी की सुरक्षा हेतु सामूहिक उत्तरदायित्व की आवश्यकता पर बल दिया। इसके पश्चात, प्रो. दुर्गेश पंत, महानिदेशक, यूकॉस्ट द्वारा उद्घाटन संबोधन प्रस्तुत किया गया। उन्होंने विशेष रूप से उत्तराखंड जैसे पारिस्थितिकीय रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में पर्यावरणीय संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं सामुदायिक प्रयासों की भूमिका पर प्रकाश डाला।
पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने मैती आंदोलन के बारे में जानकारी दी, जो एक जनआंदोलन है, विशेष रूप से विवाह व सामुदायिक आयोजनों में वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करते हुए, सांस्कृतिक परंपराओं के साथ पर्यावरण संरक्षण को सफलतापूर्वक जोड़ा है । डॉ. एम. मधु, निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान ने देशभर में फैले मृदा विभागों के नेटवर्क की जानकारी दी और वर्षा के दौरान व बाद में मृदा क्षरण के स्थानीय व वैश्विक आंकड़ों को साझा करते हुए गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने जल संरक्षण और खाद्य अपव्यय से बचने का आग्रह करते हुए इसे मृदा स्वास्थ्य और पारिस्थितिक संतुलन से सम्बंधित चर्चा की। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), देहरादून के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह द्वारा विशेषज्ञ वक्तव्य में वर्तमान जलवायु चुनौतियों और वैज्ञानिक आंकड़ों तथा नीतियों के समर्थन से स्थायी समाधान की तात्कालिक आवश्यकता पर चर्चा की। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के संभावित कारणों से सबको अवगत कराया। डॉ शशि शेखर श्रीमाली, वरिष्ठ वैज्ञानिक, IISWC द्वारा ड्रोन प्रशिक्षण एवं सर्टिफिकेशन कार्यक्रम पर जानकारी दी गई, जिसमें खेती में सटीकता व जल-कुशल तकनीकों को बढ़ावा देने की दिशा में इस पहल के महत्व को रेखांकित किया गया। कार्यक्रम में एक खुली चर्चा सत्र भी आयोजित किया गया जिसमें जलवायु परिवर्तन , सौर ऊर्जा आदि पर चर्चा की गयी। । यह संवाद स्वच्छ और हरित ग्रह की दिशा में कदम बढ़ाने पर केंद्रित रहा।
कार्यक्रम का समापन डॉ. एम.एस. रावत, वैज्ञानिक अधिकारी, यूकॉस्ट द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने प्रतिभागियों की उत्साही सहभागिता की सराहना की और शिक्षा, विज्ञान व नवाचार के माध्यम से पर्यावरणीय चेतना को फैलाने के यूकॉस्ट के संकल्प को दोहराया।
कार्यक्रम का संचालन कंचन डोभाल, वैज्ञानिक अधिकारी, यूकॉस्ट द्वारा किया गया। इस आयोजन में विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों ने मिलकर पर्यावरण संरक्षण एवं सतत विकास पर विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर माया देवी संस्थान, सुभार्ती विश्वविद्यालय, अल्पाइन इंस्टिट्यूट, सी आई एम् एस, डॉलफिन इंस्टिट्यूट एवं तुलास इंस्टीट्यूट जैसे विभिन्न शिक्षण संस्थानों के 250 से अधिक विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों, यूकॉस्ट के अधिकारी और कर्मचारी सम्मिलित रहे, जिससे पर्यावरण संरक्षण के प्रति युवाओं की प्रतिबद्धता और सशक्त रूप से सामने आई।

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