23.8 C
Dehradun
Tuesday, July 22, 2025
Google search engine
Homeराज्य समाचारस्वास्थ्य सचिव ने दिए निर्देश: मरीज को रेफर करने में सीएमओ व...

स्वास्थ्य सचिव ने दिए निर्देश: मरीज को रेफर करने में सीएमओ व सीएमएस के हस्ताक्षर होंगे अनिवार्य

सरकारी अस्पतालों से मरीजों को रेफर करने पर अब अधिकारियों की जवाबदेही होगी तय

कार्यभार ग्रहण न करने वाले पीजी डॉक्टरों को नोटिस जारी कर होगी कार्रवाई

रेफर प्रक्रिया के लिए जल्द ही मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) की जाएगी तैयार

सीएमओ व सीएमएस के मरीजों को रेफर करने में हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे

देहरादून। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सरकारी अस्पतालों में पारदर्शी, मरीजों के प्रति जवाबदेही व्यवस्था के लिए सभी तेरा जनपदों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) और उप-जिला अस्पतालों के प्रमुख अधीक्षकों (सीएमएस) के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं होगा। इसके लिए रेफर प्रक्रिया जवाबदेही बनाने के लिए एसओपी बनाई जाएगी।

स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश दिए कि हर रेफरल की जिम्मेदारी संबंधित सीएमएस पर होगी और रेफरल को सीएमएस की काउंटर- साइनिंग के साथ वैध और ठोस कारणों
से ही किया जाना अनिवार्य होगा। यदि किसी केस में यह प्रक्रिया नहीं अपनाई गई या कारण अपर्याप्त पाया गया तो उस अधिकारी के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशक को निर्देशित किया कि रेफरल से संबंधित एक स्पष्ट एसओपी तैयार की जाए, ताकि पूरे प्रदेश में एकरूपता के साथ रेफरल की प्रक्रिया अपनाई जा सके।

स्वास्थ्य सचिव ने मरीजों को रेफर करने की व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए कहा, अब अस्पतालों से मरीजों को अनावश्यक रूप से रेफर नहीं किया जाएगा। कई बार यह देखा गया कि अस्पतालों की लापरवाही या संसाधन प्रबंधन की कमी के कारण मरीजों को बिना किसी स्पष्ट कारण के रेफर किया जाता है, इससे मरीज की जान जोखिम में पड़ जाती है।
उन्होंने निर्देश दिए कि हर मरीज के रेफर की जिम्मेदारी अस्पताल के सीएमएस की होगी। इसमें हस्ताक्षर के साथ सीएमएस को रेफर के ठोस कारण बताने होंगे।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि सीएमओ और सीएमएस की जिम्मेदारी होगी कि किसी भी आपात स्थिति में मरीज को अस्पताल या उच्च चिकित्सा सुविधा तक ले जाने के लिए सरकारी अन्य संसाधनों का प्रयोग कर सेवा उपलब्ध कराई जाए। हमारी प्राथमिकता मरीज की जान है ना कि प्रक्रिया की जटिलता। इसके लिए पहले से यह स्थानीय एंबुलेंस नेटवर्क और संसाधन सूची भी तैयार रखने के निर्देश दिए गए।

डॉक्टर आर राजेश कुमार ने कहा कि कई बार मृत्यु के बाद मृतक के के परिजनों को शव को घर ले जाने में काफी परेशानी होती है। खासकर जब जनपद में मोर्चरी वहां उपलब्ध नहीं होता है। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसी स्थिति में संबंधित अस्पताल प्रशासन या सीएमओ स्वयं संसाधन जुटाकर यह सुनिश्चित करें कि शव को सम्मानपूर्वक परिजनों तक पहुंचाया जाए। एक परिवार को और कष्ट न झेलना पड़े, यह हमारी नैतिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी है।

स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जिन डॉक्टरों को पोस्ट पीजी ट्रेनिंग के बाद 13 जून को स्थानांतरण आदेश जारी किए गए थे और उन्होंने अब तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया, उन्हें तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। उन्होंने कहा की सेवा शर्तों की अवहेलना को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आवश्यकतानुसार संबंधित डॉक्टरों के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

इस बैठक में महानिदेशक सुनीता टम्टा, निदेशक डॉ. शिखा जंगपागी, निदेशक डॉ. सीपी. त्रिपाठी, अनुसचिव अनूप मिश्रा समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img

STAY CONNECTED

123FansLike
234FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest News