देहरादून के आईसीएसई एवं सीबीएसई स्कूल के टॉपर्स कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए उत्तराखंड शासन के सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार ने कहा कि सफलता और असफलताएं दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं। उन्होंने कहा कि असफलताओं से कभी नहीं डरना चाहिए और उनसे सीखना चाहिए। उन्होंने कर्म को ऑडिटर बताते हुए आगे के जीवन का लक्ष्य निर्धारित करने की बात कही।
उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार, आईएएस देहरादून ,ने आईआरडीटी ऑडिटोरियम में यूकॉस्ट, दिव्य हिमगिरी एवं डीआईटी यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पांचवें टॉपर्स कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि अभी तो जीवन शुरू हुआ है, आपको कई लक्ष्यों पर विजय प्राप्त करनी है। जीवन की सबसे महत्वपूर्ण चीज है शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य। स्वस्थ जीवन है तो सब कुछ है। इसके लिए उन्होंने देश के भविष्य टॉपर्स छात्रों को नसीहत देते हुए कहा कि ‘नशे को ना कहें’। नशा जीवन का कभी भी अंग नहीं बनना चाहिए। ‘ना’ का मतलब ना, ना और ना ही होना चाहिए। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि यदि वह कभी महसूस करें तो बच्चे का डांटने की बजाय उनकी काउंसलिंग करवाएं। डॉ राजेश ने टॉपर छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें स्कूली जीवन के बाद सफलता प्राप्त करने के मंत्र बताए।
इस कॉन्क्लेव में 25 स्कूलों के 271 बच्चों को गोल्ड मेडल, सिल्वर मेडल और ब्रॉन्ज मेडल तथा अवार्ड सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर 25 स्कूलों को बेस्ट स्कूल के अवार्ड से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. , डॉ. दुर्गेश पंत ने कहा कि उत्तराखंड की भूमि सांस्कृतिक रूप से ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी समृद्ध है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में ढाई सौ वर्ष पूर्व सर्वे ऑफ इंडिया की स्थापना हुई थी। इसी प्रकार देश की शीर्ष संस्थाएं आईआईआरएस, आईआईपी वाइल्डलाइफ इंस्टीटयूट, एफआरआई, रूड़की आईआईटी जैसी तमाम संस्थाएं यहां पर मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि देश की पांचवी साइंस सिटी भी देहरादून में शीघ्र बनकर तैयार होने वाली है। उन्होंने कहा कि वैश्विक परिस्थितियों के चलते आज राष्ट्र निर्माण के लिए आप जैसे उत्कृष्ट छात्रों की देश को जरूरत है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीआईटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. जी. रघुराम ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि आपने जो ऊंचाई आज स्कूली जीवन में प्राप्त की है, वही ऊंचाइयां आप भविष्य में अपने जीवन के हर रास्ते में प्राप्त करते रहें, ऐसी मेरी आपको शुभकामनाएं हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं आईआईआरएस के निदेशक डॉ. आर.पी. सिंह ने टॉपर्स बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की। दून डिफेंस अकादमी के निदेशक संदीप गुप्ता ने टॉपर्स को कहा कि वह जीवन में अपने अभिभावकों एवं अध्यापकों के योगदान को हमेशा स्मरण करें। कार्यक्रम को प्रिंसीपल्स प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. प्रेम कश्यप तथा डॉ. मोहित नागपाल ने भी संबोधित किया। इससे पूर्व स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम के संयोजक डॉ. कुँवर राज अस्थाना ने कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा बताई और भविष्य में होने वाले कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी। इससे पूर्व सभी अतिथियों ने टॉपर्स कॉन्क्लेव स्मारिका एवं यंग साइंटिस्ट एंड स्टार्टअप कॉन्क्लेव के पोस्टर का विमोचन किया।
टॉपर्स कॉन्क्लेव स्मारिका में 25 स्कूलों के 271 बच्चों के रिजल्ट का दस्तावेजीकरण किया गया है। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन विज्ञान संप्रेषण के सह संपादक डॉ. विशाल कौशिक द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन डीआईटी यूनिवर्सिटी के डीन डॉ. नवीन सिंघल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में 25 स्कूलों के प्रधानाचार्य, मैनेजमेंट के प्रतिनिधियों के अलावा काफी संख्या में अभिभावक एवं छात्र मौजूद थे।