Google search engine
Homeराज्य समाचारउत्तराखंडसुखम आयुर्वेदिक अस्पताल देहरादून के संचालक डॉक्टर रिजु कुमार ने बताया कि...

सुखम आयुर्वेदिक अस्पताल देहरादून के संचालक डॉक्टर रिजु कुमार ने बताया कि बच्चों के स्वास्थ्य के लिए काफी बेहतर है आयुर्वेद

प्रेस विज्ञप्ति
शुक्रवार को हरिद्वार रोड स्थित सुखम आयुर्वेदिक अस्पताल देहरादून के संचालक डॉक्टर रिजु कुमार ने पत्रकार वार्ता की.
डॉ. रिजु कुमार ने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद काफी बेहतर होता है क्योंकि यह बिना किसी साइड इफेक्ट के आपके बच्चे को स्वस्थ रखता है। आयुर्वेद में हर बीमारी का इलाज है।
उन्होंने बताया कि देहरादून में सुखम हॉस्पिटल पहला ऐसा अस्पताल होगा, जहां पर आयुर्वेदिक चाइल्ड स्पेशलिस्ट सुविधा की सुविधा प्रारंभ हो रही है। जिसमें आयुर्वेदिक नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नीरज श्रीवास्तव शाम की ओपीडी में अपनी सेवाएं देंगे। डॉ नीरज श्रीवास्तव ने बीएएमएस बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से कंप्लीट किया है, MD & PhD (Ayurvedic Pediatrics) तथा सीनियर रेजिडेंसी (Ayurvedic Pediatrics) भी वनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से कंप्लीट किया है

डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि बालकों में होने वाले कई रोगों का इलाज आयुर्वेद के द्वारा बिना किसी साइड इफेक्ट के संभव है। जहां एलोपैथिक मेडिसिन बच्चों के लीवर और किडनी पर साइड इफेक्ट डालते हैं वहीं पर हम आयुर्वेद में हर्बल मेडिसिंस तथा पंचकर्म के द्वारा अधिकतर रोगों को बिना साइड इफेक्ट के उपचार ले सकते हैं

वालकों से संबंधी इन बीमारियों का होगा इलाज

1. न्यूरोलॉजिकल बीमारियां जैसे सेरेब्रल पाल्सी, ADHD, ऑटिज्म, बेड वेटिंग इत्यादि

2. त्वचा से संबंधित बीमारी जैसे विटिलिगो, स्किन एलर्जी, फंगल इन्फेक्शन, शरीर पर दाने इत्यादि

3. एंडोक्राइन डिसऑर्डर जैसे टाइप 1 डायबिटीज, हाइपोथायरायडिज्म, मोटापा इत्यादि

4. सांस से संबंधित बीमारी जैसे निमोनिया, अस्थमा, सर्दी, खांसी, एलर्जी इत्यादि

5. पेट से संबंधित बीमारी जैसे डायरिया, भूख कम लगना, बार-बार पेट में दर्द होना, खाने का सही से पाचन ना होना इत्यादि

6. बच्चों में किडनी से संबंधित बीमारियां जैसे नेफ्रोटिक सिंड्रोम, UTI, नेफ्राइटिस इत्यादि का इलाज 7. महीने में हर पुष्य नक्षत्र पर बच्चों का स्वर्ण प्रासन कराया जाएगा जो आयुर्वेद के अनुसार बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता, मेमोरी तथा पाचनतंत्र को विकसित करता है।

8. अन्य बीमारियां जैसे जुवेनाइल अर्थराइटिस, पढ़ाई में कमजोर होना, एनीमिया, जौंडिस कंप्यूटर विजन सिंड्रोम, वजन व लंबाई का उचित रूप से न बढ़ना इत्यादि का आयुर्वेदिक इलाज लिया जा सकता है।
अब सुखम में आयुर्वेदिक स्त्री रोग विशेषज्ञ की भी मिलेंगी सेवाएं
देहरादून। सुखम हॉस्पिटल के संचालक डॉ. रिजु कुमार ने बताया कि सुखम हॉस्पिटल में आयुर्वेदिक स्त्री योग विशेषज्ञ भी अपनी सेवाएं देगी। उन्होंने बताया कि देहरादून में सुखम हॉस्पिटल पहला ऐसा अस्पताल होगा, जहां पर यह सुविधा दी जाएगी।
स्त्रीरोग संबंधी इन बीमारियों का होगा इलाज 1. पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम): आयुर्वेदिक उपचार हार्मोन संतुलन, वजन प्रबंधन और तनाव कम करता है। 2. बांझपनः प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए जड़ी-बूटियों, आहार और जीवनशैली में बदलाव कर इलाज किया जाता है।
3. मासिक धर्म संबंधी विकारः आयुर्वेदिक इलाज के जरिए अनियमित मासिक धर्म, भारी रक्तस्राव और दर्दनाक मासिक धर्म आदि समस्या का समाधान किया जाता है।
4. एंडोमेट्रियोसिसः आयुर्वेदिक में सूजन को कम करना, हार्मोन को संतुलित करना और समग्र प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार करना शामिल है।
5. फाइब्रॉएडः ट्यूमर के आकार को कम करना, लक्षणों को कम करना और गर्भाशय के समग्र स्वास्थ्य में सुधार करना है।
6. ल्यूकोरियाः श्वेत प्रदर के समाधान के लिए हर्बल इलाज और आहार परिवर्तन के जरिए उपचार किया जाता है। 7. वैजिनाइटिसः आयुर्वेदिक इलाज के जरिए सूजन, खुजली और संक्रमण को कम किया जाता है 8. गर्भाशय ग्रीवाशोथः आयुर्वेदिक में सूजन को क्रम करना और गर्भाशय ग्रीवा के स्वास्थ्य में सुधार करना शामिल है9. प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस)ः आयुर्वेदिक उपचार में मूड स्विंग, सूजन जैसे लक्षणों को कम किया जाताहै10. रजोनिवृत्तिः रात को पसीना और मूड में बदलाव जैसे लक्षणों को कम करने का उपचार किया जाता है

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img

STAY CONNECTED

123FansLike
234FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest News