सीमा डेंटल काॅलेज एवं हास्पिटल में इंडो-पैसिफिक एकेडमी आफ ओडोन्टोलोजी के तत्वावधान में आज मुख्य कान्फ्रेस का शुभारम्भ मुख्य अतिथि पद्मश्री डा0 जे0एम0 व्यास, माननीय कुलपति, नेशनल फांरेसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी आफ इंडिया, गुजरात, गेस्ट आ्फ आनर श्री अमित कुमार सिन्हा, एडी0जी0 डायरेक्टर स्टेट फारेंसिक लैब, देहरादून, संस्थापक अध्यक्ष डा. आर.के.गुप्ता, चेयरमैन डा.अमित गुप्ता, कार्यकारी निदेशक श्री अजय गर्ग, डायरेक्टर डा. अनिरूद्ध सिंह, प्रिंसिपल डा. पी. नारायण प्रसाद, उप प्रधानाचार्य डा. अनिल ढिंगरा एवं डा0 एस.करपागवल्ली, आर्गनाईजिंग सकेट्री ने मां सरस्वती के आगे दीप प्रज्वलित कर किया।
संस्थान के प्रधानाचार्य एवं कान्फ्रेंस के आर्गनाईजिंग चेयरमैन डा0 पी0 नारायण प्रसाद ने कान्फ्रेंस में आये आगन्तुको का स्वागत करते हुये उनका परिचय कराया। उन्होंने इस कान्फ्रेंस की उपयोगिता पर अपने विचार रखते हुये कहा की सीमा डेन्टल काॅलेज एवं हास्पिटल इस प्रकार की कान्फ्रेंस पहले भी करता आया है और आगे भी करता रहेगा। इसका फायदा सभी चिकित्सकों एवं छात्र/छात्राओं को उठाना चाहिये।
संस्थान के चैयरमैन डा0 अमित गुप्ता ने इस इंटरनेशनल कान्फ्रेंस के आयोजकों एवं आगन्तुको को धन्यवाद देते हुये कहा कि हमारे संस्थान का उद्देश्य चिकित्सकों एवं छात्रों को विशेषज्ञों के साथ मिलकर आधुनिकतम तकनीकों की जानकारी प्राप्त कराना है। ताकि समाज में बढ़ रहे दन्त रोगों के रोकथाम एवं निदान कर शीघ्र एवं बेहतरीन तरीके से कर सकें। उन्होंने गेस्ट आफ आनर डा0 पूर्णिमा गर्ग, डिप्टी सुपरिटेंड आॅफ पुलिस, उत्तराखण्ड के बारे में जानकारी देते हुये कहा कि उन्हें गर्व है कि हमारे संस्थान से डाक्टर की डिग्री प्राप्त करने के बाद डा0 पूर्णिमा गर्ग ने अपनी कड़ी मेहनत एवं लगन से इस पद की प्राप्ति की है। संस्थान में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिये वह एक प्रेरणा हैं।
आर्गनाईजिंग सकेट्री डा. एस.करपागवल्ली ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य दन्त चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने, दन्त चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम शोधों, प्रौद्योगिकी, उन्नत तकनीकों जैसे डिजिटल डेंन्टीस्ट्री, इम्पलान्टोलोजी आदि विषयों पर गहन चर्चा देश विदेश के दन्त चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा की जायेगी एवं हैन्ड आॅन कोर्स भी कराया जायेगा।
मुख्य अतिथि पद्मश्री डा0 जे0एम0 व्यास ने कहा कि दन्त चिकित्सा के क्षेत्र में इंडो-पैसिफिक एकेडमी आफ ओडोन्टोलोजी की पहल दन्त स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ वैश्विक सहयोग को मजबूत करना है। फाॅरेंसिक आर्कियोलोजी में क्या महत्व है इसके द्वारा किस प्रकार अपराधों का पता लगाया जा सकता है कि महत्ता पर अपना अनुभव साझे किये। उन्होने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से चिकित्सकों के साथ-साथ छात्र/छात्राओं को दन्त चिकित्सा क्षेत्र में हो रहे खोजों की जानकारी प्राप्त होती है जिसका फायदा समाज में अपराध रोकने, दोषियों को सजा दिलाने एवं निर्दोशों को न्याय दिलाने में किया जा सकता है।
गेस्ट आ्फ आनर श्री अमित कुमार सिन्हा, एडी0जी0 डायरेक्टर स्टेट फारेंसिक लैब, देहरादून ने बताया कि फाॅरेन्सिक डिपार्टमेंन्ट किस प्रकार से अपराधियों का पता लगाने में दन्त विज्ञान का प्रयोग करता है। इस तकनीक से पुराने से पुराने अपराधों का पता लगाया जा सकता है जिससे कि अपराधियों को सजा दिलायी जा सके और निर्दोषों को न्याय मिल सके।
कार्यक्रम की संयुक्त सचिव डा0 ज्योत्सना सेठ ने बताया कि इस कार्यक्रम के आयोजन में आर्गनाइंजिंग टीम के साथ-साथ कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं का सराहनीय सहयोग रहा।