राज्यपाल लेफ्टिनेंट गुरमीत सिंह लेफ्टिनेंट ने आज दून इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘परीक्षा पर चर्चा 2025’ कार्यक्रम को सुना और छात्रों से संवाद किया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए उन्हें परीक्षा के तनाव से प्रबंधित करने, आत्मविश्वास बनाए रखने और मानसिक व शारीरिक रूप से सशक्त रहने के लिए उपयोगी सुझाव दिए। कार्यक्रम के उपरांत राज्यपाल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी का संवाद न केवल छात्रों और अभिभावकों और शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करता है बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वह परीक्षा को बोझ ना माने बल्कि इसे एक सकारात्मक अवसर के रूप में देखने पर जोर दे। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री के इन विचार को रेखांकित किया कि विद्यार्थियों को दूसरों से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय स्वयं से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह कार्यक्रम न केवल छात्रों बल्कि उनके अभिभावकों और शिक्षकों को भी तनाव मुक्त वातावरण बनाने में मदद करेगा। जिससे सभी का आत्मविश्वास बढ़ेगा। राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति में कोई ना कोई विशेष प्रतिभा होती है, जिसे पहचान पहचाना और उसे निखरना आवश्यक है। उन्होंने अभिभावकों और शिक्षकों से आग्रह किया कि वह बच्चों की रुचियो को समझें और उन्हें अपने करियर में आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करें । उन्होंने छात्रों को संदेश दिया कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कठोर परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। कठिन परिश्रम के साथ व्यतीत किया गया समय कभी व्यर्थ नहीं जाता, बल्कि यह भविष्य की सफलता का आधार बनता है। राज्यपाल ने विद्यार्थियों को विशेष रूप से लिखने की आदत हो पर जोर देने को कहा, क्योंकि लिखी हुई बातें लंबे समय तक याद रहती है। उन्होंने छात्रों से बदलते समय के अनुसार खुद को ढालने और नवीनतम तकनीकों को अपनाने का आग्रह किया, ताकि वे आने वाली चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर सके। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री के संदेश को आत्मसात करने का आवाहन करते हुए, कहा कि यह कार्यक्रम छात्रों को आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और तनाव मुक्त बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने दून इंटरनेशनल स्कूल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘परीक्षा पर चर्चा 2025’ कार्यक्रम को सुना और छात्रों से संवाद किया
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