The RIMT INSTITUTE OF HOTAL MANAGEMENT बद्रीपुर जोगीवाला की तरफ से यह पुरस्कार लोक गायक सौरभ मैठाणी को लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए दिया गया । सौरभ मैठाणी हाल ही में सिंगापुर से कार्यक्रम करके स्वदेश लौटे और अभी तक 21 देशों में उत्तराखंड संस्कृति की खुशबू पहुंचा चुके हैं । कार्यक्रम में संस्थान के कुछ बच्चों को नियुक्ति पत्र भी बांटे गए और बच्चों द्वारा संवाद कार्यक्रम भी किया गया , वहीं सौरभ मैठाणी जी ने अपने वक्तव्य में अपने संघर्षों को साझा किया और कहा कि आज उत्तराखंड की संस्कृति के संरक्षण में होटलियर भाइयों का महत्वपूर्ण योगदान है उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराखंड के होटलियर भाई अपनी कड़ी मेहनत और ईमानदारी के कारण दुनिया भर में अपनी पहचान बना रहे हैं । संस्थान के निदेशक मितेश सेमवाल जी ने बताया कि यह सौरभ मैठाणी जी की अनवरत साधना और समर्पण से उत्तराखंड की लोक संस्कृति और लोकगीत आज पूरे भारतवर्ष ही नहीं अपितु वैश्विक पटल पर भी गूंज रहे हैं । कार्यक्रम संचालन कर रहे संस्कृति प्रेमी व युवा कवि अनुज पुरोहित जी ने बताया कि यह सम्मान न केवल उत्तराखंड की पहचान देवभूमि को दर्शाता है बल्कि लोक संस्कृति और उससे जुड़े गौरव को भी सम्मानित करता है और हमारी लोक संस्कृति, लोकगीत, लोक कला और परंपराएं केवल धरोहर ही नहीं बल्कि हमारे गौरव भी है । कार्यक्रम में उपस्थित संस्थान की प्रधानाचार्य सीमा सेमवाल, प्रशासनिक अधिकारी संतोष चमोली , डॉ राकेश डंगवाल ,समाजसेवी सुभाष भट्ट, तृप्ता कुकरेती, राकेश उनियाल, सुदीप रावत, हिमांशु असवाल, मीनाक्षी रावत, सचिन रावत सहित 100 से अधिक छात्र छात्राएं मौजूद रहे।
लोक गायक सौरभ मैठाणी हुए “देवभूमि लोक गौरव सम्मान” से सम्मानित
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