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‘पहाड़ कैसे हों आबाद’: विषय पर विचार मंथन में डीजी सूचना बंशीधर तिवारी ने रखें अपने विचार

सरकार द्वारा पलायन को रोकने के लिए निरंतर किया जा रहे हैं प्रयास, सीमांत गांव को पुनः बसाने के लिए कई जन कल्याणकारी योजनाएं की जा रही है क्रियान्वित

प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपनी जन्मभूमि के प्रति रहे निष्ठावान और विकास कार्यों में दिए दे सहयोग- बंशीधर तिवारी

देहरादून: सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग के महानिदेशक एवं एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने ने उत्तरजन टुडे सेंचुरियन क्लब द्वारा आयोजित “पहाड़ कैसे हों आबाद?” विषयक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार पलायन को रोकने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

श्री बंशीधर तिवारी ने कहा कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपनी जन्मभूमि के प्रति निष्ठावान रहते हुए उसके विकास में सक्रिय योगदान दें। उन्होंने कहा कि भले ही सकारात्मक पलायन हो रहा हो, फिर भी व्यक्ति को अपनी मिट्टी से जुड़े रहना चाहिए। सीमांत गांवों को पुनः बसाने के प्रयास हो रहे हैं। विगत तीन वर्षों में अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं को क्रियान्वित किया गया है जिससे दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों को लाभ मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार का उद्देश्य पलायन रोकने के साथ-साथ पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना है। महिला सशक्तीकरण पर विशेष बल दिया जा रहा है। सरकार सामाजिक सहभागिता को भी इस दिशा में महत्वपूर्ण मानती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने की दिशा में सरकार संकल्पित है। कार्यक्रम में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया गया।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अपर आयुक्त तथा ड्रग कंट्रोलर श्री ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि राज्य सरकार मिलावटखोरों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई कर रही है। पूरे प्रदेश में मिलावटी उत्पादों की जांच हेतु छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को स्वच्छ और शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना प्राथमिकता है। इसके लिए उपभोक्ताओं को जागरूक भी किया जा रहा है।

ऋषिकेश के नगर आयुक्त श्री शैलेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि पलायन रोकने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग शहरों में बस गए हैं, वे अपने मूल गांवों की ओर भी ध्यान दें। उन्होंने भूमि बंदोबस्त एवं भूमि क्रय-विक्रय को लेकर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही उन्होंने स्वच्छता के क्षेत्र में इंदौर मॉडल को उत्तराखण्ड में अपनाने का सुझाव दिया।

इस दौरान पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल श्री गंभीर सिंह नेगी ने कहा कि भारत ने हालिया आतंकी घटनाओं के बाद कड़े कदम उठाए हैं और यह दर्शाया है कि देश सामरिक दृष्टि से आत्मनिर्भर है। उन्होंने सिंधु घाटी की नदियों के जल के सदुपयोग के लिए नई रणनीति की आवश्यकता पर बल दिया।

राज्य सूचना आयुक्त श्री योगेश भट्ट ने एक सशक्त और प्रतिनिधि पत्रिका की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रकाशन की चुनौतियों और जमीनी कठिनाइयों को विस्तार से बताया। उन्होंने आरटीआई को जनहित का सशक्त माध्यम बताते हुए इसके प्रभावशाली उपयोग पर जोर दिया।

कार्यक्रम में उत्तरजन टुडे के संपादक श्री पी.सी. थपलियाल ने पत्रिका के नौ वर्षों की यात्रा को साझा करते हुए कहा कि पत्रिका सीमांत गांवों को बसाने की दिशा में सरकार के प्रयासों में भागीदार बनेगी। अध्यक्षीय संबोधन में शिक्षाविद् एवं पूर्व कुलपति डॉ. सुधा रानी ने कहा कि पत्रकारिता जनता और सरकार के बीच सेतु है।

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