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Saturday, November 1, 2025
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गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर सीएम धामी पहुंचे काशीपुर के ननकाना साहिब गुरुद्वारे: नगर कीर्तन में लिया भाग

काशीपुर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज काशीपुर स्थित ननकना साहिब गुरुद्वारा मैं आयोजित दिव्या कीर्तन दरबार में श्रद्धापूर्वक सम्मिलित हुए।

इस अवसर पर गुरु बनी की मधुर ध्वनि में आत्मीय शक्ति के अनुभव के साथ इस पावन अवसर पर संगत के बीच जाकर आध्यात्मिक ऊर्जा एकता और अविस्करणीय भाव महसूस किया।

मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारा में मत्था टेका व प्रदेश के सुख समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। इसके उपरांत उन्होंने गुरुद्वारा पहुँचकर गुरु तेग बहादुर जी के चरणों में शत-शत नमन करते हुए, गुरु तेग बहादुर जी के 350 वें शहीदी दिवस पर आयोजित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, अमृतसर द्वारा आसाम से अमृतसर तक नगर कीर्तन (पदयात्रा) में आये सभी संगत सदस्यों एवं उपस्थित महानुभावों का देवभूमि उत्तराखंड में आगमन पर उनका स्वागत एवं अभिनंदन किया।

सीएम धामी ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे आज गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के पावन अवसर पर आयोजित शहीदी नगर कीर्तन यात्रा की संगत का हिस्सा बनने का सुअवसर प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह नगर कीर्तन यात्रा असम के श्री धोबड़ी साहिब से प्रारंभ होकर विभिन्न राज्यों से होते हुए श्री आनंदपुर साहिब पहुंचकर पूर्ण होगी जो कि लगभग 2500किमी की है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक नगर कीर्तन यात्रा नहीं, बल्कि आस्था, एकता और गुरु साहिब के संदेश जन-जन तक पहुंचाने का पवित्र अभियान है।

सीएम धामी ने गुरु तेग बहादुर जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने उस संकटपूर्ण कालखंड में अपने प्राणों की आहुति दी, जब हमारे देश की संस्कृति, धर्म और आत्मसम्मान पर गंभीर खतरा मंडरा रहा था। उन्होंने कहा कि मात्र 14 वर्ष की अल्पायु में ही गुरु तेग बहादुर जी ने अपने पिता के साथ मुगलों के खिलाफ युद्ध में अद्वितीय वीरता का परिचय दिया, उनकी वीरता से प्रभावित होकर उनके पिता ने ही उनका नाम “तेग बहादुर” अर्थात “तलवार का धनी” रखा था। उन्होंने कहा कि तेग बहादुर जी ने कश्मीरी पंडितों पर हो रहे औरंगजेब के अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए कहा था कि “मैं हिंदुओं का पीर हूँ किसी हिन्दू से पहले मुझे मुस्लिम धर्म कबूल करा कर दिखाए..। औरंगज़ेब ने षड्यंत्रपूर्वक गुरु तेग बहादुर जी को दिल्ली बुलवाया और उन्हें बंदी बना लिया। फिर फरमान सुनाया या तो इस्लाम स्वीकार करो, या मृत्यु का वरण करो। जिस पर गुरु श्री तेग बहादुर जी ने कहा था-
तिलक जंजू राखा प्रभ ताका ||
कीनो बडो कलू महिं साका ||
धरम हेत साका जिनि कीआ ||
सीसु दीआ परु सिररु न दीआ ||

सीएम धामी ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी और उनके साथियों ने इस्लाम स्वीकार करने से इनकार कर दिया, तो उन पर घोर अत्याचार किए गए, उनके किसी शिष्य को खौलते हुए तेल में डाला गया, तो किसी को आरी से चीर दिया गया इतने से भी जी नहीं भरा तो किसी को जीवित ही जला डाला गया। अंततः, गुरु तेग बहादुर जी जैसे महान संत, धर्मरक्षक और मानवता के प्रहरी का शीश काट दिया गया परंतु गुरु साहब का साहस, बलिदान और संदेश अमर हो गया। उन्होंने कहा कि गुरु साहब के बलिदान ने ये बता दिया कि धर्म की रक्षा के लिए प्राण देना पुण्य है और अत्याचार के सामने सर झुकाना अधर्म है। यही कारण है कि उन्हें “हिन्द दी चादर” के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने कहा कि श्री गुरुनानक देव जी, श्री गुरु तेग बहादुर जी, श्री गुरु गोविन्द सिंह जी सहित हमारे सभी गुरुओं ने राष्ट्र को प्रथम मानते हुए भारत को एकसूत्र में पिरोने का कार्य किया। इसलिए इनके योगदान को जाने बिना देश के इतिहास को समझ पाना नामुमकिन है। उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यदि मैं, ये कहूँ कि सिक्ख परंपरा वास्तव में “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की जीवंत परंपरा है तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी

सीएम धामी ने कहा कि समस्त गुरुओं के आदर्शों को आत्मसात करते हुए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आज देश जहां एक ओर विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है, वहीं उन्होंने सिख समाज की बहुत सी मांगों को पूरा करने का कार्य भी किया है। उन्होंने कहा कि चाहे करतारपुर साहिब कॉरिडोर का निर्माण हो, लंगर से सभी प्रकार के करों को हटाना हो, वैश्विक संगत को सेवा का अवसर देते हुए श्री हरमंदिर साहिब को FCRA पंजीकरण की स्वीकृति प्रदान करनी हो, श्री गुरु गोबिंद सिंह साहब की 350वीं जन्म जयंती पर भव्य प्रकाश वर्ष मनाना हो, गुरु गोविंद सिंह साहब के साहिबजादों के बलिदान को आदर देते हुए “वीर बाल दिवस’ घोषित करना हो, श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र स्वरूपों को अफ़ग़ानिस्तान से सुरक्षित वापस भारत लाना हो या फिर 1984 के दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाना हो। आदरणीय मोदी जी ने सिक्ख समाज के हित में सदैव कार्य किया है।
धामी ने कहा कि आदरणीय मोदी जी के सहयोग से हम देवभूमि उत्तराखंड में गोविंद घाट से हेमकुंड साहिब तक 12.5 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस रोपवे के निर्माण के बाद हेमकुंड साहिब आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी, क्योंकि रोपवे से महज 45 मिनट में पवित्र यात्रा पूरी हो सकेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा 1947 के विभाजन का दर्द झेलने वाले शहीदों की स्मृति में विभाजन विभिषिका स्मृति स्थल का निर्माण भी कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे गुरुओं को आदर्श मानकर हमारी सरकार भी देवभूमि उत्तराखंड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने हेतु संकल्पित होकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने जहां एक ओर प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानूनों को लागू किया है, वहीं लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी घृणित मानसिकताओं के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की है।

सीएम धामी ने कहा कि हमने प्रदेश में लैंड जिहाद पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 9 हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को लैंड जिहादियों से मुक्त कराया है। इसके साथ ही करीब 250 अवैध मदरसों को सील करने के साथ ही 500 से अधिक अवैध संरचनाओ को भी हटाया है। इतना ही नहीं, हाल ही में हमारी सरकार ने राज्य में नया कानून लागू कर मदरसा बोर्ड को भी समाप्त करने का निर्णय लिया है। अब राज्य में एक अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, जिससे राज्य के सभी अल्पसंख्यक समुदायों को शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसर और उनके संवैधानिक अधिकार सुनिश्चित किए जाएंगे। अब विद्यालयों में गुरुबाणी गूंजेगी और हमारे गुरुओं के संदेश सुनाए जायेंगे, ताकि हमारे बच्चें धर्म के साथ-साथ आधुनिक ज्ञान से भी परिपूर्ण हो सकें। उन्होंने कहा कि आज के इस अवसर पर मैं, आप सभी को ये भी बताना चाहता हूँ कि हम 24 नवंबर को श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस को भव्य रूप से मनाएंगे, इसके लिए मैंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए हैं। जिससे हमारी आने वाली पीढ़ियाँ अपनी संस्कृति, धर्म और परंपराओं पर गर्व अनुभव करें और उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की ये पावन धरा, जहां वेदों की ऋचाएँ गूँजी हैं, जहां गुरु नानक देव जी और हिंद रक्षक गुरु गोबिंद सिंह साहब के पावन चरण पड़े हैं, उस पवित्र भूमि पर हमारी गौरवशाली सांस्कृतिक परम्पराओं को समृद्ध करना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी श्री गुरु तेग बहादुर जी के समर्पण और बलिदान से प्रेरित होकर अपने जीवन में राष्ट्रप्रेम, सांस्कृतिक गौरव और नैतिक मूल्यों को सर्वोपरि रखेंगे और उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के हमारे “विकल्प रहित संकल्प” को पूर्ण करने में इसी प्रकार एकजुट होकर कार्य करते रहेंगे।

इस अवसर पर विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, मेयर दीपक बाली, दर्जा राज्यमंत्री अनिल कपूर डब्बू, फरजाना बेगम, पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा, राजेश शुक्ला जिलाध्यक्ष मनोज पाल, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय, कौस्तुभ मिश्र, अपर पुलिस अधीक्षक निहारिका तोमर, अभय कुमार, उपजिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह, नगर आयुक्त रविंद्र बिष्ट सहित ननकना साहिब बड़ा गुरुद्वारा के प्रबंधक कमेटी व अनेक श्रद्धालुगण मौजूद थे।

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