अटूट आस्था, विश्वास और सनातन संस्कृति की विराटता प्रतीक है बाबा केदारनाथ का धाम : मुख्यमंत्री
हर हर महादेव के जयकारों से गूंज उठी बाबा केदार की नगरी
इस पावन अवसर पर सीएम धामी के साथ ही 12000 से अधिक श्रद्धालु बने कपाट खुलने के साक्षी
पहली पूजा प्रधानमंत्री के नाम हुई सम्पन्न।
कपाट खुलने पर हेलीकॉप्टर द्वारा हुई पुष्प वर्षा।
रुद्रप्रयाग। आज रुद्रप्रयाग स्थित विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट विधि-विधान से साथ श्रद्धालुओं के लिए खुल गए हैं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी भी कपाट खुलने के साक्षी बने। मुख्यमंत्री ने कपाट खुलने पर केदारनाथ धाम में पूजा अर्चना कर प्रदेश में सुख, समृद्धि और शांति की कामना की। केदारनाथ धाम में सबसे पहली पूजा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नाम सम्पन्न हुई। मंत्र उच्चारण, हर हर महादेव के उदघोष एवं सेना के ग्रेनेडियर रेजीमेंट के बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच बाबा केदार के कपाट सुबह 7 बजे खुले।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट खुलने पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा राज्य के साथ ही संपूर्ण देश को इस पल की प्रतीक्षा रहती है। केदारनाथ धाम सनातन धर्मावलंबियों की धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र होने के साथ ही भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है। हमारे राज्य के लिए यह उत्सव का समय है। मुख्यमंत्री ने बाबा केदार से सभी यात्रियों के मंगलमयी यात्रा की प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा केदार के धाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है। बाबा केदार के आशीर्वाद से इस वर्ष भी चारधाम यात्रा नया कीर्तिमान बनायेगी। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने चार धाम यात्रा के सुव्यस्थित और सफल संचालन के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं। चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा सुरक्षा और सुगमता के लिए सरकार ने सभी आवश्यक प्रबंध किए हैं। उन्होंने कहा हम सभी उत्तराखंडवासियों का कर्तव्य है कि हम देश और दुनिया से आने वाले अतिथियों का स्वागत आत्मीयता और सेवा भाव से करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी बाबा केदारनाथ के अनन्य भक्त हैं। 2013 आपदा के बाद प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केदार नगरी के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हुआ। उन्हीं के मार्गदर्शन में आज केदारनाथ परिसर का दिव्य और भव्य निर्माण कार्य हुआ है। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ की इसी भूमि से 21वी सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया था। उनके शब्दों को सच करने के लिए राज्य सरकार निरंतर विकास के नए आयाम स्थापित कर रही है।108 क्विंटल से ज्यादा फूलों से सजाया गया बाबा केदार का धाम
कपाट उद्घाटन के लिए केदारनाथ मंदिर की भव्य सजावट की गई। मंदिर को 108 क्विंटल से अधिक फूलोंं से सजाया गया है। भव्य सजावट के बीच कपाट खुलते ही हेली से पुष्प वर्षा भी की गई, जिसे देख श्रद्धालु अभिभूत नज़र आए।भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली शीतकाल गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ से होते हुए गुप्तकाशी, फाटा, गौरीकुंड जैसे विभिन्न पड़ावों से श्री केदारनाथ धाम पहुंची। कपाट खुलने की प्रक्रिया सुबह पांच बजे से शुरू हुई यद्यपि। 6 बजे श्री केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी बागेश लिंग, विधायक केदारनाथ आशा नौटियाल, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, धर्माचार्यों वेदपाठीगणों भैरव नाथ के अरविंद शुक्ला ने पूरब द्वार से मंदिर में प्रवेश किया तथा मंदिर के गर्भगृह के द्वार की पूजा-अर्चना में शामिल हुए। देवी देवताओं का आव्हान कर जन कल्याण की कामना तथा संकल्प के साथ ही ठीक प्रातः सात बजे श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिये गये। इसी समय मंदिर का मुख्य दक्षिण द्वार भी खुल गया।कपाट खुलने के अवसर पर श्रीमती गीता धामी, जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह, मुख्य कार्याधिकारी बीकेटीसी विजय प्रसाद थपलियाल, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे, मंदिर समिति प्रभारी अधिकारी/सहायक अभियंता गिरीश देवली, केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी धर्माधिकारी औंकार शुक्ला वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, पुजारी बागेश लिंग,वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल, यशोधर मैठाणी, विश्व मोहन जमलोकी , देवानंद गैरोला,विपिन तिवारी कुलदीप धर्म्वाण, प्रकाश पुरोहित,उमेश शुक्ला सहित बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहितगण, हकहकूकधारी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
बीकेटीसी ने इस बार टोकन सिस्टम भी लागू कर दिया है। जिससे दर्शन के लिए भक्तों को लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। प्रशासन, पुलिस और पर्यटन विभाग ने भीड़ प्रबंधन के लिए टोकन व्यवस्था बनाई है। जिसके तहत प्रति घंटे 1400 श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन कराए जाएंगे। पैदल मार्ग को साफ़ रखने के लिए हर 50 मीटर पर पर्यावरण मित्र तैनात किए गए हैं। संगम ब्रिज के पास टोकन काउंटर लगाए गए हैं।
पहले जहां दर्शन में तीन से चार घंटे लगते थे, वहीं अब एक घंटे में दर्शन सुनिश्चित किए जाएंगे। भीड़ नियंत्रण के लिए डाइवर्जन प्लान तैयार किया है। वीआईपी दर्शन पर भी रोक लगाई गई है। साथ ही जिस तरह से पिछली बार वीआईपी दर्शन के लिए शुल्क वसूला जाता था, वह इस बार व्यवस्था खत्म कर दी गई है।
गुरुवार शाम को बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली केदारनाथ धाम पहुंच गई थी। केदारनाथ मंदिर को इस मौके पर 108 क्विंटल फूलों से भव्यता से सजाया गया। इस दौरान हजारों श्रद्धालु धाम पर मौजूद रहे। कपाट खुलने से पहले केदारनाथ पहुंचे श्रद्धालु बेहद खुश और भावुक नजर आए। कई श्रद्धालुओं ने सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं की भी जमकर सराहना की। हर बार की तरह केदारनाथ मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया है। ऋषिकेश, गुजरात से आई पुष्प समिति द्वारा मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से भव्य रूप में सजाया गया है। मंदिर की इस आकर्षक सजावट को देखने के लिए भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुँच रहे हैं। रंग-बिरंगे फूलों की सुगंध और भव्यता मंदिर को और भी दिव्य आभा प्रदान कर रही है।
केदारनाथ में मौसम लगातार बदल रहा है। बीती शाम को बारिश के साथ ही मौसम बदल गया। इस बीच केदारनाथ में बारिश से ठंड बढ़ गई है। साथ ही हेलीकॉप्टर सेवा भी शुरू हो गई है।