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गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन का राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने किया शुभारंभ

गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर में तीन दिवसीय कृषि विज्ञान सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल गुरमीत सिंह ने की शिरकत । 20 से 22 फरवरी 2025 के मध्य 17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन के आयोजन का सफलतापूर्वक शुभारंभ किया गया । जिसमें मुख्य अतिथि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनी) तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग, भारत सरकार के सचिव एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक एवं राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष डॉ हिमांशु पाठक व एवं डॉ वजीर सिंह लाकरा, सचिव राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी, डॉक्टर मनमोहन सिंह चौहान कुलपति एवं सम्मेलन के संयोजक तथा डॉक्टर ए एस नैन सम्मेलन के आयोजन सचिव मंचासिन थे। कृषि के इस कुंभ में नीति निर्माताओ, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, विद्यार्थियों, किसानों एवं उद्योगों के प्रतिनिधियों का भारी संख्या में उपस्थित रहे।

इस वर्ष सम्मेलन में “विकासशील भारत के लिए कृषि में अग्रणी विज्ञान और प्रौद्योगिकी” विषय पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इस सम्मेलन का उद्देश्य भारत के कृषि परिदृश्य को बदलने में नवीन प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिकाओं का उजागर करना है। मुख्य अतिथि राज्यपाल ने अपने साथ अनुभव और ज्ञान का खजाना लेकर इस अवसर पर शोभा बढ़ाई।

उन्होंने सम्मेलन में बड़ी संख्या में वैज्ञानिकों, विद्यार्थी एवं किसानों की भागीदारी पर अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने अपने संबोधन में कृषि क्षेत्र में को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न नीतियों और कार्यक्रमों को शुरू करने में सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन के आयोजन का लाभ जो हमारा केंद्र बिंदु किसान है को जाना चाहिए। उन्होंने ‘लैब टू लैंड और लैब टू पीपल’ कार्यक्रमों को मजबूत करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया, जो यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार सीधे किसानों को लाभान्वित करें। राज्यपाल ने मजबूत मूल्य श्रृंखला विकसित करने भंडारण सुविधाओं में सुधार करने और कृषि उद्योगों को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया, जिसमें न्यूनतम निवेश की आवश्यकता है लेकिन पर्याप्त लाभ मिलता है जैसे की मधुमक्खी पालन और मशरूम की खेती। उन्होंने प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना जैसी सरकारी योजनाओं के सकारात्मक प्रभाव पर भी प्रकाश डाला, जो किसानों को आर्थिक रूप से सहायता करती है और उन्हें आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है। उन्होंने कहा कि वातावरण की चुनौतियों के मध्य खाद्यान्न उत्पादन को बनाए रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ड्रोन एवं डिजिटल तकनीक का कृषि में समावेश अत्यंत आवश्यक है इस अवसर पर राज्यपाल ने सभी पुरस्कार प्राप्त करने वाले वैज्ञानिकों को बधाई दी।

 

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