22.2 C
Dehradun
Monday, September 8, 2025
Google search engine
Homeराज्य समाचारअच्छी खबर: उत्तराखंड में 17 सितंबर से शुरू होगा स्वास्थ्य महाकुंभ, प्रदेशभर...

अच्छी खबर: उत्तराखंड में 17 सितंबर से शुरू होगा स्वास्थ्य महाकुंभ, प्रदेशभर में 4604 स्वास्थ्य शिविर होंगे आयोजित

जनभागीदारी का उत्सव, हर जिले में लगाए जाएंगे स्वास्थ्य शिविर: इस महाकुंभ के माध्यम से हर वर्ग तक पहुँचेगी मुफ्त सेवाएँ

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर प्रदेश में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक स्वास्थ्य का महाकुंभ आयोजित किया जाएगा। इस विशेष स्वास्थ्य पखवाड़े की जिम्मेदारी स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार को सौपी गई है। उन्होंने सोमवार को सचिवालय में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर तैयारियों को अंतिम रूप दिया और जिलाधिकारियों से अभियान को जनआंदोलन की तरह चलाने के निर्देश दिए।

स्वास्थ्य पखवाड़े के दौरान प्रदेशभर में मेडिकल कॉलेज, जिला और उप जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और उप केंद्रों में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में मरीजों को जांच, परामर्श और दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। साथ ही विभिन्न स्थानों पर वृहद रक्तदान शिविर भी आयोजित होंगे, जिनमें आम नागरिक, जनप्रतिनिधि और छात्र-छात्राओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।

स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वास्थ्य पखवाड़े की सफलता के लिए ठोस कार्ययोजना बनाएं और हर स्तर पर मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें। उन्होंने अभियान का व्यापक प्रचार करने तथा सांसदों, विधायकों, महापौरों और पार्षदों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।

इस अभियान के तहत 4604 स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। अल्मोड़ा – 522, बागेश्वर – 109, चमोली – 206, चम्पावत – 120, देहरादून – 425, हरिद्वार – 367, नैनीताल – 367, पिथौरागढ़ – 679, पौड़ी – 573, रुद्रप्रयाग – 239, टिहरी – 533, ऊधमसिंह नगर – 256, उत्तरकाशी – 208 शिविर लगाए जाएंगे|

इन शिविरों में आमजन को नि:शुल्क जांच, परामर्श और दवाइयाँ मिलेंगी। गर्भवती महिलाओं, टीबी रोगियों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए विशेष परामर्श की व्यवस्था भी रहेगी।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने अधिकारियों से कहा कि अभियान की निगरानी हर स्तर पर सुनिश्चित हो। प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रत्येक कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी हो। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि यह अभियान केवल सरकारी पहल नहीं, बल्कि जनभागीदारी का उत्सव है। मुख्यमंत्री धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रावत के नेतृत्व में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएँ नई दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि इन शिविरों में गर्भवती महिलाओं, टीबी रोगियों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित रोगियों के लिए विशेष परामर्श उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही केंद्र व राज्य सरकार की सभी स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी भी लोगों को दी जाएगी।

बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय

ब्लड डोनेशन कैंप: प्रत्येक स्वास्थ्य शिविर में रक्तदान शिविर होंगे, जिनकी रिपोर्ट और फोटोग्राफी शासन को भेजी जाएगी।
मेडिकल कॉलेज स्तर पर आयोजन: सभी मेडिकल कॉलेजों में विशेष रक्तदान शिविर और छात्रों व चिकित्सकों की भागीदारी।
हेल्थ डेस्क स्थापना: प्रमुख चिकित्सा संस्थानों और जिला अस्पतालों में हेल्थ डेस्क स्थापित होगी।
एसओपी तैयार करना: मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी कर जिलों और इकाइयों को स्पष्ट दिशा-निर्देश।
विशेषज्ञ शिविर: CHC स्तर तक हृदय रोग, मधुमेह, प्रसूति व स्त्री रोग, बाल रोग आदि के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक सेवाएं देंगे।
अन्य विभागों से समन्वय: अभियान में अन्य विभागों की भूमिका तय की जाएगी।
फूड एवं ड्रग कंट्रोलर सहयोग: दवाओं और आवश्यक सामग्रियों की उपलब्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित।
प्राइवेट मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज सहयोग: निजी संस्थानों को शामिल कर संसाधनों और मानवबल का उपयोग।
विशेषज्ञ चिकित्सकों की ड्यूटी: मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ चिकित्सक शिविरों में ड्यूटी देंगे।
निक्षय मित्र पहल: जनप्रतिनिधियों को लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने के लिए निक्षय मित्र बनाया जाएगा।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाएं लगातार मजबूत हो रही हैं। “स्वास्थ्य पखवाड़ा” न केवल स्वास्थ्य सुविधाओं का अवसर है, बल्कि जनता में जागरूकता बढ़ाने वाला एक महत्वपूर्ण जनजागरण अभियान भी होगा।

फूड एंड ड्रग कंट्रोलर की भूमिका : दवाओं और आवश्यक सामग्री की गुणवत्ता पर सख्त निगरानी।
इस स्वास्थ्य महाकुंभ में बड़े पैमाने पर रक्तदान कार्यक्रम‌ का आयोजन किया जाएगा।
मेडिकल कॉलेजों की सहभागिता : छात्र, चिकित्सक व स्टाफ सक्रिय भूमिका निभाएँगे।
हेल्थ डेस्क : प्रमुख अस्पतालों में सरकारी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध होगी।
विशेषज्ञ सेवाएँ : हृदय, मधुमेह, स्त्री रोग, बाल रोग विशेषज्ञ ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचेंगे।
निजी संस्थानों का सहयोग : निजी मेडिकल व नर्सिंग कॉलेज भी जुड़ेंगे।
“निक्षय मित्र” पहल : जनप्रतिनिधियों को टीबी मरीजों व अन्य रोगियों से जोड़ा जाएगा।

इस  समीक्षा बैठक में मिशन निदेशक एनएचएम मनुज गोयल, उपसचिव जसबिंदर कौर, डॉ. जेएस चुफाल, डॉ. अमित शुक्ला, डॉ. कुलदीप मार्तोलिया और डॉ. सौरभ सिंह उपस्थित रहे।

 

 

 

 

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img

STAY CONNECTED

123FansLike
234FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest News