राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने दून विश्वविद्यालय में विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान की ओर से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संस्थागत नेतृत्व समागम 2025 के समापन समारोह में प्रतिभा किया। दून विश्वविद्यालय, उच्च शिक्षा विभाग और उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकोस्ट) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस सम्मेलन में देशभर के शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं ने दो दिन तक शिक्षक और अनुसंधान पर मंथन किया। समापन सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने भारत केंद्रित शिक्षा और अनुसंधान को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया और संस्थागत नेतृत्व को राष्ट्र निर्माण की एक महत्वपूर्ण कड़ी बताया।
उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन केवल विमर्श का मंच नहीं बल्कि एक विकसित भारत के निर्माण के लिए संस्थाओं की भूमिका को पुनर्परिभाषित करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि भारत की समृद्ध ज्ञान परंपरा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को आत्मसात कर हमें अपने शिक्षक और अनुसंधान संस्थानों को परिवर्तन कार्य बनाना होगा। राज्यपाल ने कहा कि एक राष्ट्र की मजबूती उसके शिक्षक संस्थानों पर निर्भर होती है और यह संस्थाएं उतनी ही सशक्त होती है जितना दूरदर्शी उनके नेतृत्व होता है। उन्होंने इस समागम के दौरान शिक्षा विद्या और शोधकर्ताओं के बीच हुए संवाद और विमर्श को अत्यंत उपयोगी बताते हुए, विश्वास व्यक्त किया कि इससे शिक्षक अनुसंधान नवाचार में गुणात्मक सुधार होगा। राज्यपाल ने कहा कि सम्मेलन में जारी देहरादून घोषणा पत्र देश के शिक्षण संस्थानों के नेतृत्व में सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
दून विश्वविद्यालय में विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान की ओर से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संस्थागत नेतृत्व समागम-2025 का हुआ समापन
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