देहरादून। आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में छह प्रमुख प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। यह निर्णय राज्य के कृषि, खनन, पर्यावरण, स्वास्थ्य शिक्षा और महिला-बाल कल्याण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव और सुधार की दिशा में उठाया गया ठोस कदम माना जा रहा है। उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद की विभागीय संरचना में संशोधन को मंजूरी दी गई है , अब हल्द्वानी मुख्यालय और देहरादून केंद्र के पदों को एकीकृत संवर्ग में रखा जाएगा।
कैबिनेट ने जैव प्रौद्योगिकी परिषद के तहत पहले से सृजित 46 पदों के संचालन के लिए नियमावली को स्वीकृति दी। यह निर्णय परिषद के दो प्रमुख केंद्रों की कार्यक्षमता और नवाचार क्षमता को मजबूती प्रदान करेगा। इससे जैविक अनुसंधान और वैज्ञानिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में खनन विभाग में 18 नए पद सृजित करने की स्वीकृति दी गई। यह कदम विभाग की कार्यक्षमता बढ़ाने और खनन प्रबंधन को पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कैबिनेट ने देहरादून-हरिद्वार सीमा पर स्थित आसन बैराज क्षेत्र को वेटलैंड जोन घोषित करने को मंजूरी दी है। यह क्षेत्र लगभग 53 किलोमीटर लंबा है और जैव विविधता की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध माना जाता है। पूर्व में प्राप्त आपत्तियों के निस्तारण के बाद यह निर्णय लिया गया।
देहरादून की रिस्पना और बिंदाल नदियों के फ्लड जोन क्षेत्र में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP), मोबाइल टावर, रोपवे टावर और एलीवेटेड रोड जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई है। यह निर्णय जल निकासी, संचार और परिवहन सुधार के लिहाज़ से अहम है।
भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग में भूमि धंसाव जैसी घटनाओं से निपटने हेतु 18 नए पदों के सृजन की स्वीकृति मिली है। आसन नदी के दोनों तटों पर भट्टा फॉल से आसन बैराज तक बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण की अंतिम अधिसूचना जारी करने और कुछ निर्माण कार्यों को अनुमन्य श्रेणी में रख शामिल करने का निर्णय लिया गया है ।
लोक निर्माण विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत स्थापित विभिन्न निरीक्षण भवनों/गेस्ट हाउस में से प्रथम चरण के अन्तर्गत 05 चयनित निरीक्षण भवनों (रानीखेत, उत्तरकाशी, दुग्गलबिट्टा, हर्षिल व ऋषिकेश) को पी०पी०पी० मोड में संचालित करते हुये उनका मुद्रीकरण का कार्य यू०आई०आई०डी०बी को सौंपा गया है। राष्ट्रीय सहबद्ध और स्वास्थ्य देखरेख वृद्धि आयोग अधिनियम 2021 के तहत उत्तराखंड राज्य श। एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद के गठन को भी मजबूत मंजूरी दी गई है।
कैबिनेट द्वारा मुख्यमंत्री महिला एवं बाल बहुमुखी सहायता निधि (कॉर्पस फण्ड) सम्बन्धी नियमावली के अन्तर्गत विभाग को प्राप्त विदेशी मदिरा/बियर पर उपकर (सैस) की धनराशि को कॉर्पस फण्ड के रूप में विभागान्तर्गत संचालित उत्तराखण्ड महिला एवं बाल विकास समिति के माध्यम से संचालित किये जाने का निर्णय लिया गया है, जिसके तहत राज्य की महिलाओं एवं बच्चों के विकास हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं के प्राप्त अंतरालों (Gap Filling) को भरा जायेगा व आवश्यकता एवं प्रस्थिति के अनुसार नवाचार योजनाओं का क्रियान्वयन भी किया जायेगा। प्रमुख रूप से उक्त निधि के तहत आपदा/दुर्घटना में अनाथ हुए बच्चों, निराश्रित महिलाओं के जीविकोपार्जन व वृद्ध महिलाओं के लिए जीवन निर्वहन की समुचित व्यवस्था का निर्माण किया जायेगा।