डीजीपी उत्तराखंड द्वारा अधिकारियों को आपदाग्रस्त क्षेत्र में Search & Rescure अभियान को रफ्तार देने के लिए निर्देश
डीजीपी द्वारा सर्च एवं रेस्क्यू अभियान के Incident commander I.G, SRF को ठोस रणनीति बनाकर कार्रवाई के दिए निर्देश
उत्तरकाशी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में उत्तरकाशी में चल रहे प्राकृतिक आपदा राहत एवं बचाव कार्यों के लेकर आज डीजीपी उत्तराखंड ने उच्च स्तरीय समीक्षा की।
सर्च एवं रेस्क्यू अभियान के Incident commander I.G, SRF को ठोस रणनीति बनाकर कार्रवाई के निर्देश दिए।
पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड दीपम सेठ ने आज पुलिस मुख्यालय देहरादून स्थित सभागार में उत्तरकाशी की धराली एवं हर्षिल क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा के उपरांत मुख्यमंत्री उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों के प्रथम चरण की विस्तृत समीक्षा करते हुए आगामी कार्य योजना पर की उच्च स्तरीय समीक्षा की बैठक की। बैठक के दौरान उत्तरकाशी जनपद में राहत एवं बचाव कार्यों के प्रभावी संचालन हेतु भेजे गए पुलिस की विभिन्न शाखाओं- एसडीआरएफ, फायर सर्विस, पीएसी, दूरसंचार आदि के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं टीम लीडर्स शामिल हुए ।
बैठक के दौरान पुलिस महानिदेशक ने सभी अधिकारियों – AGD L/O, I.G SDRF,IG Telecom, Fire, IG L/O, IG SRF, IG Garhwal Range, IG L/ O, आदि से राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली तथा घटनास्थल पर कार्यरत बलों द्वारा अब तक किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि विपरीत परिस्थितियों मार्ग अवरुद्ध और मौसम की चुनौतियों के बावजूद पुलिस , एसडीआरएफ, फायर और अन्य एजेसियों ने आपसी समन्वय से बड़ी संख्या में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला और आवश्यक राहत सामग्री समय पर पहुंचाई।
बैठक के दूसरे चरण की कार्य योजना पर विस्तृत चर्चा करते हुए निर्णय लिया गया कि राहत एवं बचाव कार्य के दूसरे चरण में सर्च एवं रेस्क्यू ऑपरेशन पर विशेष फोकस किया जाएगा। उक्त अभियान हेतु उत्तराखंड शासन द्वारा अरुण मोहन जोशी पुलिस महानिदेशक, एसडीआरएफ को धारली/ हर्षिल में समग्र खोज एवं बचाव अभियान का Incident commander तथा श्री अर्पण यदुवंशी कमांडेंट, एसडीआरएफ को deputy Incident commander नियुक्त किया गया है।
बैठक के दौरान पुलिस महानिदेशक द्वारा Incident commander (Search & Rescue) DM/ SP/ उत्तरकाशी सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, बीआरओ, पीडब्लूडी, स्वास्थ्य विभाग तथा अन्य समस्त एजेंसियों को समन्वय करते हुए घटनास्थल को अलग-अलग सेक्टर में बताकर उनका दायित्व निर्धारित करने करते हुए ठोस रणनीति बनाकर खोज एवं बचाव कार्य की कार्रवाई करने हेतु निम्न निर्देश दिए गए।
सर्च और रेस्क्यू अभियान में गति देने के लिए एसडीआरएफ , फायर, पीसीए, और पुलिस बल की पर्याप्त संख्या को धारली और हर्षिल घटनास्थल में रणनीतिक रूप से तुरंत तैनात किया जाए।
स्थानीय नागरिकों, ग्राम प्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर लापता व्यक्तियों की सटीक सूची तैयार की जाए। इस सूची के आधार पर खोज अभियान की प्राथमिकता तय करते हुए आवश्यक वैज्ञानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
घटनास्थल पर मौजूद गहरी, खतरनाक और सल्श क्षेत्र को सुरक्षा की दृष्टि से तत्काल रेड फ्लैग कर दिया जाए , ताकि सर्च ऑपरेशन की दौरान विशेष उपकरणों का उपयोग कर खोजबीन की जा सके।
ड्रोन, थर्मल इमेजिंग कैमरे, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा और डॉग स्क्वायड जैसी तकनीकी एवं संसाधन क्षमता का पूर्ण उपयोग कर सर्च अभियान तेज किया जाए।
पुलिस महानिदेशक ने सभी को 24 *7 अलर्ट मोड पर रहने और प्रत्येक गतिविधि की रियल टाइम रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिये, ताकि किसी भी आवश्यकता या आपदा स्थिति में त्वरित निर्णय लिया जा सके।
डीजीपी ने सभी अधिकारियों को 24 * 24 * 7 अलर्ट मोड पर रहने के दिए निर्देश, ताकि आपदा स्थिति में तुरंत निर्णय लिया जा सके