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Wednesday, March 12, 2025
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सीएम धामी ने ‘उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान-2024 ‘ से साहित्यकारों एवं भाषाविदों को किया सम्मानित

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज आईआरडीटी ऑडिटोरियम में उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित ‘उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान 2024’ में प्रतिभाग कर विभिन्न साहित्यकारों एवं भाषाविदो को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान उत्तराखंड साहित्य भूषण से श्री सुभाष पंत को सम्मानित करते हुए कहा कि पंत समूचे हिंदी साहित्य जगत के लिए प्रेरणास्रोत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान समारोह हमारी साहित्यिक परंपरा, रचनात्मक चेतना और शब्द साधकों के प्रति गहरी श्रद्धा का प्रतीक है।

सीएम धामी ने कहा कि यह मंच उन सभी महान विभूतियों को समर्पित है जिन्होंने अपनी लेखनी से समाज को नई दिशा देने और उत्तराखंड की संस्कृति को नहीं पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि सम्मानित होने वाले साहित्यकारों ने अपनी सृजनशीलता के माध्यम से उत्तराखंड की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत का समृद्ध विकास किया है। देवभूमि की धरा हमेशा से रचनात्मक ज्ञान और संस्कृति का अदभुत केंद्र रही है। यहां विचारों की ज्योति ने हर युग में समाज को प्रेरित करने का काम किया है। उत्तराखंड की प्राकृतिक सौंदर्यता से अनगिनत लेखको, कवियों और विचारको को प्रेरणा मिलती है । इसी राज्य से सुमित्रानंदन पंत जी ने देश दुनिया को शब्दों के माध्यम से जोड़ा और शैलेश मटियानी जी को पहाड़ का प्रेमचंद कहलाने का गौरव प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का वास्तविक दर्पण होता है, जो उसकी संस्कृति, मूल्यो और विचारों को उजागर करने का काम करता है। लेखक समाज के चिंतक मार्गदर्शन और प्रेरक होते हैं। उत्तराखंड की स्थापना में लेखक और सृजन से जुड़े अनगिनत साहित्यकारों का योगदान रहा है।

राज्य सरकार साहित्य और संस्कृति के संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के तहत राज्य में उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान, साहित्य भूषण , लाइफटाइम अचीवमेंट जैसे पुरस्कारों के माध्यम से उत्कृष्ट साहित्यकारों को सम्मानित किया जा रहा है।

सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हिंदी साहित्य विभिन्न स्थानीय भाषाओं में ग्रंथ प्रकाशन हेतु साहित्यकारों को अनुदान भी दिया जा रहा है। सरकार ने वर्ष 2023 में 10 उत्कृष्ट साहित्यकारों को 1 लाख की सम्मान राशि प्रदान की थी। इसे और विस्तार देते हुए वर्ष 2024 में उत्तराखंड साहित्य भूषण पुरस्कार सहित 21 नए साहित्यिक पुरस्कारों की घोषणा की गई है। इसके साथ ही 45 लेखको को भी आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया गया है।
सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को साहित्यिक पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित करने हेतु प्रयासरत है । उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा दो साहित्य ग्रामों की स्थापना की जा रही है, जहां साहित्यकारों के लिए आवासीय सुविधा, आधुनिक पुस्तकालय, संगोष्ठी कक्ष, अध्ययन स्थल जैसी सुविधाएं विकसित की जाएगी। भारत का साहित्य सदियों से अपनी वैचारिक संपन्नता के कारण विश्व भर में विशिष्ट स्थान रखता आया है।
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत संस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को आगे बढ़ाया जा रहा है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान 202 के अंतर्गत उत्तराखंड साहित्य भूषण सम्मान से श्री सुभाष पंत, सुमित्रानंदन पंत पुरस्कार से डॉ दिनेश पाठक , गुमानी पंत पुरस्कार से श्री गोपाल दत्त भट्ट , भजन सिंह पुरस्कार से श्री कुलानंद घंनशाला, गोविंद चातक पुरस्कार से श्रीमती सुनीता चौहान, प्रोफेसर उन्वान चिश्ती पुरस्कार से सगीर अल्लाह, गौरा पंत शिवानी पुरस्कार से श्रीमती शमाखान, मंगलेश डबराल पुरस्कार से श्री सतीश डिमरी, महादेवी वर्मा पुरस्कार से श्री शशिभूषण बडोनी, शैलेंद्र मटियानी पुरस्कार से श्री ललित मोहन रयाल को सम्मानित किया ।
मुख्यमंत्री ने इसी क्रम में डॉक्टर पितांबर दत्त बर्थवाल पुरस्कार से नीरज नैठानी , बहादुर बोरा श्री बंधु पुरस्कार से श्री महेंद्र ठुकराठी, शेर सिंह बिष्ट अनपढ़ पुरस्कार से श्री मोहन चंद्र जोशी , भवानीदत्त थपलियाल सती पुरस्कार से श्री वीरेंद्र पवार, कन्हैया लाल डंडरियाल पुरस्कार से श्री मदन मोहन डुईलाण, गिरीश तिवारी गिर्दा पुरस्कार से डॉक्टर पवनेश ठकुराठी, विद्यासागर नौटियाल पुरस्कार से अनूप सिंह रावत औरभैरव दत्त धूलिया पुरस्कार श्री एम आर ध्यानी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सीएम धामी ने आईआरडीटी परिसर में पुस्तक मेले का भी उद्घाटन किया तथा भाषा संस्थान के भवन निर्माण हेतु जिलाधिकारी देहरादून को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक खजान दास, निदेशक श्रीमती स्वाति भदौरिया, पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुधारानी पांडे सहित साहित्य क्षेत्र से जुड़े अन्य लोग उपस्थित रहे।

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