राज्य सरकार प्रदेश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबंध, प्रत्येक जनपद में एक मॉडल आयुष गांव किया जाएगा विकसित
सीएम धामी ने आयुष विभाग की कॉफी टेबल बुक और विज्ञान भारती के विभिन्न विद्यार्थी मंथन प्रतियोगिता पोस्टर का किया विमोचन
विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और एक्सपो मार्ट के आयोजन द्वारा हम विश्व को अपनी सनातनी हिंदू संस्कृति सर्वे संतु निरामय का संदेश पहुंचाने में हुए सफल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है इसके लिए प्रत्येक जनपद में एक-एक मॉडल आयुष गांव विकसित किया जा रहा है। साथ ही नए योग एवं वैलनेस केंद्र भी विकसित किया जा रहे हैं।
सोमवार को ओल्ड राजपुर स्थित एक होटल में 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो के प्रोसिडिंग विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह हमारे लिए अत्यंत गर्व का विषय है कि देवभूमी में उत्तराखंड 10वीं विश्व आयुर्वेदिक कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो का आयोजन करने में सफल रहा। साथ ही अब हम उसे ऐतिहासिक आयोजन की स्मृतियां और उपलब्धियो को संजोने के लिए प्रोसिडिंग का विमोचन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मात्र एक दस्तावेज नहीं बल्कि ज्ञान अनुभव और गहन विचार विमर्श का सार तत्व है, जो आने वाले वर्षों में आयुर्वेद क्षेत्र में अनुसंधान नीति निर्माण और जन स्वास्थ्य की दिशा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और एक्सपो मार्ट के आयोजन के माध्यम से हम न केवल भारत में बल्कि विश्व के विभिन्न देशों में यह संदेश देने में सफल है कि आयुर्वेद द्वारा किस प्रकार उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है। साथ ही हम विश्व को अपनी सनातनी हिंदू संस्कृति द्वारा बताए गए सर्वे संतु निरमाया के संदेश को व्यापक रूप से पहुंचने में सफल रहे।
मुख्यमंत्री ने विज्ञान भारती के “विज्ञान विद्यार्थी मंथन” की सराहना करते हुए कहा कि यह न केवल हमारा युवाओं में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा, अनुसंधान के प्रवृत्ति और नवाचार की क्षमता को विकसित करने की एक सशक्त पहल है बल्कि भावी पीढ़ी को जिज्ञासु , जागृत, जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनाने का एक व्यापक अभियान भी है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद विश्व की एक ऐसी विशिष्ट चिकित्सा प्रणाली है जो प्राचीन काल से ही मानव सभ्यता का आरोग्य सुनिश्चित करती आ रही है। आयुर्वेद मात्र ब्रह्मा रोग को ही नहीं बल्कि हमारी बुद्धि और हमारी इंद्रियों से जुड़े हुए आंतरिक विचारों को भी ठीक करता है। आयुर्वेद के इसी समग्र दृष्टिकोण के कारण आज इसी की स्वीकार्यता लगातार बढ़ती जा रही है। आयुर्वेद मानवता को मिला सबसे अमूल्य उपहार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड प्राचीन काल से ही आयुर्वेद और औषधि संपदा की प्रज्ञा भूमि रही है। हमारे पर्वतीय अंचल में पाई जाने वाली औषधि जड़ी बूटियां ने आयुर्वेद को आरोग्य के आधारभूत तत्व के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इसलिए इस प्रकार का आयोजन हमारे प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए गौरव का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में गठित आयुष मंत्रालय आज हमारे इस प्राचीन विज्ञान को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिला रहा है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय आयुष मिशन और प्रकृति प्रशिक्षण अभियान जैसे विभिन्न कार्यक्रम आज शहरों से लेकर गांव तक आरोग्य स्थापित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन एवं सहयोग से राज्य सरकार भी प्रदेश में आयुर्वेद के प्रचार प्रसार हेतु निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य के भीतर आयुष आधारित 300 से अधिक आयुष्मान आरोग्य केंद्रो का संचालन हो रहा है । ई संजीवनी पोर्टल के माध्यम से 70 से अधिक विशेषज्ञों द्वारा आयुष परामर्श प्रदान किया जा रहा है । राज्य सरकार प्रत्येक जनपद में 50 बेड और 10 बेड वाले आयुष चिकित्सालयों की स्थापना कर रही है। साथ ही प्रत्येक जनपद में एक-एक मॉडल आयुष गांव विकसित किया जा रहा है, इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में उत्तराखंड आयुष नीति को लागू करते हुए औषधि निर्माण, वैलनेस, शिक्षा शोध और औषधीय पौधों के उत्पादन को गति प्रदान की जा रही है। अब राज्य सरकार आगामी वर्षों में आयुष टेली कंसलटेंट प्रारंभ करने के साथ-साथ 50 नए योग और वैलनेस सेंटर स्थापित करने हेतु प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना के लिए आयुष मंत्रालय से अनुरोध किया है, जो उत्तराखंड में आयुर्वेद शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयुष विभाग की काॅफी टेबल बुक और विज्ञान भारती के विज्ञान विद्यार्थी मंथन प्रतियोगिता के पोस्टर का विमोचन करते के साथ ही आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए कई लोगों को सम्मानित किया। इससे पहले विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ शिव कुमार ने आयोजन की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की।
मुख्य आयोजन से पूर्व धराली आपदा में दिवंगत हुए नागरिकों के प्रति मौन रखा गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती कुसुम कंडवाल, आरएसएस के प्रांत प्रचारक डॉक्टर शैलेंद्र, सचिव दीपेंद्र चौधरी, निदेशक आयुष विजय जोगदंडे , प्रोफेसर अनूप ठक्कर, श्री चंद्रशेखर नय्यर, डॉ वी के अशोक, प्रोफेसर के डी पुरोहित के साथ ही विभिन्न गणमान्य लोग उपस्थित रहे।