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उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ का प्रवेश द्वार जोशीमठ को अब उसके प्राचीन नाम ज्योर्तिमठ के रूप में जाना जाएगा। जबकि नैनीताल जिले के कोश्याकुटोली तहसील का नाम अब श्री कैंची धाम हो गया है । केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है । अधिकारियों ने बुधवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा.की गई घोषणाओं के अनुरोध के संबंध में प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा गया था जिसे मंजूरी मिल गई है। मान्यता है की आठवीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य इस क्षेत्र में आए थे और कल्पवृक्ष के नीचे तपस्या की थी जिससे उन्हें दिव्य ज्ञान की प्राप्ती हुई थी। दिव्य ज्ञान ज्योति और ज्योतेश्वर महादेव की वजह से इस स्थान को ज्योर्तिमठ कहा गया । लेकिन बाद में यह जोशीमठ के नाम से प्रसिद्ध हो गया। जोशीमठ को बद्रीनाथ धाम का प्रवेश द्वार माना जाता है । वहीं दूसरी और नैनीताल जिले के कोश्याकुटोली तहसील को बाबा नीम करोली महाराज के आश्रम श्री कैंची धाम का नाम देने के प्रकेंद्रको भी केंद्र से मंजूरी मिल गई है। धामी ने बीते वर्ष कैंची धाम के स्थापना दिवस पर 15 जून को आयोजित एक समारोह में खुशियां कोतवाली तहसील का नाम बदलकर कैंची धाम करने की घोषणा की थी नाम बदलने पर स्थानीय निवासियों और बाबा नीम करोली महाराज के भक्तों में कम धामी के प्रति आभार व्यक्त किया है। कैंची धाम को मन मानस खंड मंदिर माला मिशन ने भी शामिल किया गया है।